पद सरेंडर करने का निर्णय शिक्षा तंत्र को कमजोर करने का प्रयास : मरांडी
हेमंत सोरेन कैबिनेट ने 8,900 टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों के पद सरेंडर करने का निर्णय लिया है। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इसे शिक्षित बेरोजगारों के साथ अन्याय बताया है। उन्होंने सरकार से इस निर्णय...

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। हेमंत सोरेन कैबिनेट में राज्य के 8,900 टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों के पद सरेंडर करने के निर्णय पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रतिक्रिया दी है। कैबिनेट बैठक के बाद उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया पर लिखा है कि जब राज्य में शिक्षक के लाखों पद पहले से ही रिक्त हैं, तब 8,900 पदों को एक झटके में खत्म कर देना शिक्षित बेरोजगारों के साथ अन्याय करने जैसा है। यह निर्णय प्रदेश के शिक्षा तंत्र को भी कमजोर करने का प्रयास है। यह फैसला उन हजारों युवाओं की उम्मीदों का अंत है, जो सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। शिक्षक के पदों को खत्म करने का दुष्प्रभाव विद्यार्थियों के भविष्य पर पड़ेगा। बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार को अविलंब इस निर्णय को वापस लेने और जल्द से जल्द खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।
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