अस्पतालों की ओर से आयुष्मान कार्ड का दुरुपयोग कतई बर्दाश्त नहीं : डॉ. इरफान
एएचपीआई कॉन्क्लेव में राज्यभर के निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि, प्रबंधक एवं चिकित्सकों को संबोधित किया, जल्द बनेगा रिम्स-2, झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था

रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी। रिम्स-2 का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है और अगले दो वर्षों में यह सपना साकार होगा। राज्य के लोगों को आधुनिक और व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा। डॉ. अंसारी मंगलवार को राजधानी के एक निजी होटल में आयोजित एएचपीआई कॉन्क्लेव में राज्यभर के निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि, प्रबंधक एवं चिकित्सकों को संबोधित कर रहे थे। यह कॉन्क्लेव आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के अंतर्गत सरकारी देय बिलों के लंबित भुगतान से संबंधित मुद्दों को लेकर बुलाया गया था।
मंत्री ने कहा कि अस्पतालों द्वारा आयुष्मान कार्ड का दुरुपयोग कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कार्यक्रम में डॉ. राजेश कुमार, सैयद अहमद अंसारी, डॉ. सतीश ठाकुर, डॉ. अनंत सिन्हा, डॉ. अजय सिंह, डॉ. शंभु, डॉ. प्रदीप सिंह, मंजूर अंसारी, अनवर अहमद अंसारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं चिकित्सकगण मौजूद रहे। स्वास्थ्य व्यापार नहीं सेवा है मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि कुछ अस्पतालों द्वारा आयुष्मान कार्ड का दुरुपयोग किया जाता है। कुछ अस्पताल कार्ड को स्वाइप कर पूरा पैसा निकाल लेते हैं और मरीज को रिम्स रांची रेफर कर देते हैं, यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। गरीबों को उनके हक का इलाज मिलना चाहिए और योजना का पूरा लाभ भी। ऐसा कोई भी व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व्यापार नहीं सेवा है, इसे समझना होगा। लंबित बकाया बिलों का भुगतान जल्द से जल्द स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सभी अस्पताल प्रबंधकों की समस्याएं गंभीरता से सुनीं और इस पर सख्त रुख अपनाते हुए विभाग को जल्द से जल्द लंबित बकाया बिलों के भुगतान का निर्देश जारी किया। उन्होंने कहा कि नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट द्वारा चिन्हित 212 अस्पतालों की जांच के चलते कुछ भुगतान में देरी हुई है। अन्य 350 अस्पतालों के भुगतान में नई पोर्टल प्रणाली के कारण तकनीकी अड़चनें सामने आई हैं, जिन्हें दूर करने के लिए विभाग की टीम लगातार एनएचए से संपर्क में है। समाधान जल्द सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य की नवजात और मातृ मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से थोड़ी कम अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि राज्य की नवजात और मातृ मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से थोड़ी कम है और हम कई राज्यों से बेहतर हैं। राज्य में सरकारी और निजी क्षेत्र में कुल लगभग 15,500 बेड हैं। सरकार हर साल 2000–3000 नए बेड जोड़ने की दिशा में काम कर रही है, ताकि एक लाख बेड का लक्ष्य जल्द पूरा हो सके। विभिन्न योजनाओं से राज्यवासियों को मिल रही है मजबूत स्वास्थ्य सुरक्षा एनएचएम के अभियान निदेशक अबू इमरान ने कहा कि मातृ और शिशु मृत्यु दर को लेकर सरकार गंभीर है। राज्य के 85% लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस कवर मिल चुका है। झारखंड पहला राज्य है, जहां कर्मचारियों को असीमित बीमा कवर दिया जा रहा है। राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा, मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना और आयुष्मान भारत योजना मिलकर राज्यवासियों को मजबूत स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान कर रही है।
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