अधिवक्ता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी हाइकोर्ट ने रद्द की
पंजाब नेशनल बैंक से 4.74 करोड़ धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला, आपराधिक कार्रवाई निरस्त करने को लेकर दाखिल की थी याचिका

रांची। विशेष संवाददाता झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत से 4.74 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में आरोपी बैंक के पैनल अधिवक्ता कैलाश कुमार अग्रवाल को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने मामले में फैसला सुनाते हुए सीबीआई द्वारा कैलाश कुमार अग्रवाल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और आपराधिक कार्यवाही को निरस्त कर दिया। कैलाश कुमार अग्रवाल ने इस कथित धोखाधड़ी में शामिल नहीं होने की बात कहते हुए अपने खिलाफ चल रही आपराधिक कार्रवाई को निरस्त करने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सीबीआई ने कैलाश कुमार अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ 2014 में प्राथमिकी दर्ज की थी।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता महेश तिवारी एवं अभिषेक कुमार दुबे ने कोर्ट को बताया था कि प्रार्थी बैंक के पैनल अधिवक्ता हैं। बैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज के आधार पर उन्होंने लोन देने के संबंध में अपना ओपिनियन दिया था। प्रार्थी ने कोई जालसाजी नहीं की। प्रार्थी का ओपिनियन बैंक की ओर से उसे उपलब्ध कराए गए दस्तावेज पर आधारित था और उसके पास यह कहने का कोई कारण नहीं था कि इनमें से कोई भी दस्तावेज फर्जी हो सकता है। इसलिए प्रार्थी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई को निरस्त किया जाए। बता दें कि यह मामला मेसर्स केएसएस इंफ्रास्ट्रक्चर के दो साझेदारी अमरेंद्र कुमार सिंह और राकेश कपूर के द्वारा आपराधिक षड्यंत्र करने एवं पंजाब नेशनल बैंक से 4.74 करोड़ धोखाधड़ी से जुड़ा है। आरोप लगाया गया था कि अमरेंद्र कुमार सिंह, राकेश कपूर, रवि गुप्ता और नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने मिलकर आपराधिक साजिश रची और बैंक को फर्जी दस्तावेज के आधार पर 4.74 करोड़ का चूना लगाया था।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।