महिला आयोग का न होना खुद एक अपराध : राफिया नाज
झारखंड की हजारों महिलाएं आज न्याय से वंचित, राज्य सरकार की महिलाओं के प्रति सोच बेनकाब

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि राज्य में महिला आयोग का गठन नहीं हो पाना न केवल प्रशासनिक विफलता है, बल्कि सरकार की महिलाओं के प्रति सोच को भी बेनकाब करता है। यह खुद एक अपराध भी है। राफिया नाज ने कहा कि वर्ष 2020 में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया था, लेकिन तब से लेकर अब तक आयोग का पुनर्गठन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, यह साफ संकेत है कि सरकार की नीयत में ही खोट है। राफिया ने कहा कि महिला आयोग का गठन न होने के कारण झारखंड की हजारों महिलाएं आज न्याय से वंचित हैं।
यह आयोग महिलाओं को एक ऐसा मंच देता है, जहां वे बिना डर और भेदभाव के अपनी शिकायतें दर्ज करा सकती हैं और त्वरित कार्रवाई की मांग कर सकती हैं। यह न सिर्फ एक सलाहकार निकाय होता है, बल्कि इसमें जांच कराने, रिपोर्ट पेश करने और सरकार से जवाबदारी तय करने की संवैधानिक शक्तियां भी निहित होती हैं। राफिया नाज ने बताया कि आयोग के अभाव में आज 5,200 से अधिक मामले लंबित हैं, जिनमें यौन शोषण, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, बाल विवाह और कार्यस्थल पर उत्पीड़न जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। उन्होंने कहा, इन हजारों पीड़िताओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही और उनकी फाइलें सरकारी दफ्तरों में धूल खा रही हैं। क्या यही महिला सम्मान और सुरक्षा का झारखंड मॉडल है?
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