National Scheduled Tribe Commission Hearing Delayed Over Ramp Dispute at Siramtoli-Mekon Flyover राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सुनवाई में नहीं शामिल हुए प्रधान सचिव, Ranchi Hindi News - Hindustan
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राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सुनवाई में नहीं शामिल हुए प्रधान सचिव

आयोग से 10 जून के बाद का समय मांगा, सूचनाओं को संकलित करने की कार्यवाही जारी, सिरमटोली-मेकॉन फ्लाईओवर का मामला

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीThu, 29 May 2025 10:31 PM
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राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सुनवाई में नहीं शामिल हुए प्रधान सचिव

रांची, संवाददाता। सिरमटोली-मेकॉन फ्लाईओवर के रैंप विवाद को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की ओर से मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। मामले में आयोग की ओर से पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार, उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री व रांची नगर निगम के प्रशासक संदीप सिंह को गुरुवार को नई दिल्ली स्थित आयोग के कार्यालय में संबंधित दस्तावेज के साथ उपस्थित होने के लिए समन जारी किया गया था। लेकिन निर्धारित तिथि पर संबंधित अधिकारियों के एनसीएसटी कार्यालय नहीं पहुंचने से सुनवाई नहीं हो पायी। हालांकि, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने आयोग से मामले की सुनवाई में शामिल होने के लिए 10 जून के बाद के समय की मांग की है।

कहा कि निर्धारित तिथि से विमुक्त कर 10 जून के बाद की कोई तिथि निर्धारित की जाए। आयोग की ओर से मांगी गई सूचनाएं अंतर्विभागीय प्रकृति की हैं। इसलिए सभी संबंधित विभागों से सूचनाओं को संकलित करने की कार्यवाही की जा रही है। आयोग ने अधिकारियों की कार्यशैली पर जताई नाराजगी इधर, दूसरी तरफ एनसीएसटी की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। आयोग के अनुसार पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने निर्धारित तिथि से एक दिन पहले 28 मई को एनसीएसटी के सचिव को ई-मेल के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित होने में अपनी असमर्थता जताई। इस पर एनसीएसटी की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग एक संवैधानिक संस्था है। झारखंड राज्य के अधिकारी आयोग की मर्यादा को समझें और आदिवासी समाज के प्रति अपना नजरिया बदलें। आयोग की ओर से पूर्व निर्धारित तिथि के तहत आदिवासी समाज के लोग 28 मई को ही दिल्ली पहुंच चुके थे, लेकिन निर्धारित तिथि पर झारखंड के अधिकारियों के नहीं पहुंचने के कारण संबंधित मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। 13 मई को बैठक भी आयोजित नहीं की जा सकी बता दें कि पूर्व में आयोग की ओर से इस मामले को लेकर 13 मई को राज्य सरकार को बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन 12 मई को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग विभाग के सचिव कृपानंद झा ने पत्र के माध्यम से सूचित कर दिया कि अपरिहार्य कारणों से 13 मई को बैठक आयोजित नहीं की जा सकती। इसके बाद आयोग की टीम ने मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में आदिवासी समाज के बुद्धिजीवियों के साथ बैठक कर पूरे मामले की जानकारी ली थी। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड के अधिकारी आदिवासियों को प्रताड़ित न करें। उनसे संबंधित मामलों में त्वरित कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जब मैंने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य का पद संभाला था तो झारखंड में आदिवासी समाज से संबंधित मामलों की संख्या लगभग 350 थी, जो अब 1300 से भी अधिक हो चुकी हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि झारखंड में आदिवासी समाज के लोगों की समस्याओं के प्रति अधिकारी गंभीरता से विचार नहीं कर रहे हैं। सिरमटोली-मेकॉन फ्लाईओवर का आयोग करेगा निरीक्षण राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम तीन जून की सुबह 10 बजे सिरमटोली-मेकान फ्लाईओवर निर्माण कार्य का निरीक्षण करेगी। निरीक्षण के दौरान पथ निर्माण विभाग एवं नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार, जनजातीय कल्याण विभाग के सचिव, उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री व रांची नगर निगम के प्रशासक संदीप सिंह को उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद सिरमटोली-मेकान फ्लाईओवर विवाद को लेकर आयोग की टीम मुख्य सचिव समेत संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेगी।

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