अपना पता पूछ रहे शहर के पुराने मोहल्लेोसाई टोली, लाल सिरम टोली सहित अन्य।
रांची में फ्लाईओवर निर्माण के कारण कई मोहल्लों की पहचान धूमिल हो रही है। बहुबाजार से कांटा टोली के मोहल्ले, जिनका नाम स्थान विशेष और प्रकृति के आधार पर रखा गया था, अब साइन बोर्ड के अभाव में खो रहे...

रांची। आशीष तिग्गा रांची के कई ऐसे मोहल्लें है जो अब अपना पता और मोहल्लें की पहचान पूछ रहे है। क्योंकि रांची में फ्लाईओवर कल्चर प्रारंभ होने से कई मोहल्लों की पहचान धूमिल हो जा रही हैं। विशेषकर वैसे मोहल्ले जो फ्लाईओवर के नीच आते है। ऐसे ही मोहल्लें है, बहुबाजार से कांटा टोली फ्लाईओवर के नीचे आने वाले। जिनका नामाकरण स्थान विशेष, प्रकृति, पेड़ पौधों या समुदाय विशेष के नाम किया गया था। ये रांची के पुराने पारंपरिक मोहल्लों की पहचान दिन-ब-दिन विलुप्त हो रही है, क्योंकि फ्लाईओवर निर्माण के बाद जूडको या पथ निर्माण विभाग झारखंड सरकार के द्वारा मोहल्लों-चौक चौराहों को इंगित करते हुए किसी प्रकार का साइन बोर्ड आज तक नहीं लगाया हैं, जिसके कारण विगत कई वर्षो से रांची से बाहर रहने वाले लोगों, कुरियर कर्मियों, पोस्ट मैंन, रिक्शा चालक, ऑटो चालक और पहली बार रांची आने वालें लोगों को फ्लाईओवर के नीचे मोहल्लों का पता खोजने में दिक्कत आ रही हैं।
जबकि इसके विपरित रातू रोड फ्लाईओवर निर्माण के बाद नीचे आने वाले नई आबादी के इलाके और मोहल्लों के पहचान व चिंह्र के रूप में एनएचआई और पथ निर्माण विभाग के द्वारा साईन बोर्ड लगवा दिया गया हैं। मजबूरन टोला के लोगों ने बैनर छपवा कर मोहल्लें का नाम का उल्लेख किया बहुबाजर से जहां फ्लाईओवर चालू हो रही हैं। वहां पास के मोहल्लें की पहचान व मार्ग धूमिल हो गई थी। मजबूरन स्थानीय लोगों ने गुंगू टोली लिखकर बैनर छपवा कर सड़क किनारे लगा दिया, ताकि इस मोहल्लें की पहचान बनी रही। पूर्व में पोल संख्या से हो रही थी पहचान, वो भी रंगाई में मिट गई पूर्व में पोल संख्या 1 से लेकर 24 तक लिखी गई थी। जिसके आधार पर मोहल्लों को खोजने में दिक्कत नहीं आती थी, लेकिन फ्लाईओवर के रंगाई-पोताई के बाद ये पोल संख्या भी मिट गई। कौन-कौन है प्रभावित मोहल्लें कांटा टोली समीप : गढ़ा टोली, शांति नगर, टमटम टोली, चुनवा टोली, नया टोली, अमृतबाग, पत्थलकुदवा। बहुबाजार चौक समीप : गुंगू टोली, चुटिया, ढुमसा टोली, मकचूद टोली, गणपत नगर, कठर टोली, मकचूद टोली, बसर टोली, बिशप कपाउंड, बिशप लॉज, चर्च रोड,नायक टोली, साहू टोली, गोसाई टोली, लाल सिरम टोली सहित अन्य। क्या कहते है स्थानीय पूर्व में फ्लाईओवर ब्रिज के पोल संख्या के आधार पर मोहल्लें का पता चल जा रहा था। इससे लोगों को मोहल्लें खोजने में दिक्कत नहीं आती थी, लेकिन अब पहचान मानो खो सा गई है। पवन तिर्की, टमटम टोली स्थानीय निवासी। फ्लाईओवर निर्माण एजेंसी व सरकार को पुराने पारंपरिक मोहल्लों को इंगित करते हुए साईन बोर्ड लगाना चाहिए। यहां रांची की पुरानी आबादी के लोग रहते हैं। स्थान, व्यक्ति, प्रकृति विशेष के नाम से मोहल्लों का नाम रखा गया था। - राजू महतो, चुटिया स्थानीय निवासी।
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