दिल्ली पुलिस का बड़ा ऐक्शन, यहां से 66 अवैध बांग्लादेशियों को पकड़ा, अब भेजे जाएंगे वापस
अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने बड़ा ऐक्शन किया है। पुलिस ने वजीरपुर और एनएस मंडी इलाके से 11 परिवारों के 66 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है।

राजधानी दिल्ली के उत्तर-पश्चिम जिले में विदेशी सेल की एक सनसनीखेज कार्रवाई ने अवैध रूप से रह रहे 66 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। यह ऑपरेशन वजीरपुर और एनएस मंडी इलाकों में चलाया गया, जहां 11 परिवारों को हिरासत में लिया गया। अवैध रूप से रहे विदेशियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस लगातार मुहिम चला रही है।
पुलिस ने बनाई स्पेशल टीम
उत्तर-पश्चिम जिले की विदेशी सेल ने एक विशेष अभियान के तहत अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए कमर कस ली थी। इस अभियान का नेतृत्व इंस्पेक्टर विपिन कुमार और एसीपी रंजीव कुमार ने किया, जिसमें एसआई सापन, एसआई श्याम बीर, एएसआई विनय, कांस्टेबल हवा सिंह, एचसी टीका राम, एचसी प्रवीण, एचसी कपिल, एचसी विकास, कांस्टेबल निशांत और कांस्टेबल दीपक की दो समर्पित टीमें शामिल थीं। यह ऑपरेशन 6 जून 2025 को पीएस भारत नगर और पीपी एनएस मंडी, पीएस महेंद्र प्राक के क्षेत्र में शुरू हुआ।
खुफिया जानकारी के जरिए पहुंची पुलिस
पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि वजीरपुर जेजे क्लस्टर और एनएस मंडी क्षेत्रों में 11 बांग्लादेशी परिवार अवैध रूप से रह रहे हैं। ये परिवार हरियाणा के नूंह (पूर्व में मेवात) के तैन गांव में ईंट भट्टों पर मजदूरी करने के बाद दिल्ली में बस गए थे। हरियाणा में अवैध प्रवासियों के खिलाफ बढ़ती कार्रवाइयों और मीडिया कवरेज के चलते ये लोग दिल्ली के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में छिपने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने स्थानीय किराना दुकानों, फल विक्रेताओं और सड़क पर घूमने वाले व्यापारियों से पूछताछ कर इन परिवारों की गतिविधियों का पता लगाया। बच्चों के लिए दूध और अन्य सामानों की खरीदारी के पैटर्न ने भी पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग दिए।
कुल 66 बांग्लादेशी हिरासत में
इस सटीक और खुफिया आधारित ऑपरेशन में पुलिस ने वजीरपुर जेजे कॉलोनी से 35 और एनएस मंडी क्षेत्र से 31 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया। कुल 66 लोग, जिनमें 20 पुरुष, 16 महिलाएं और 30 बच्चे शामिल थे, पकड़े गए। ये सभी 11 परिवारों से ताल्लुक रखते थे। पकड़े गए लोगों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए मोबाइल फोन और बांग्लादेशी दस्तावेजों को छिपा रखा था, ताकि उनकी गतिविधियों का पता न लगाया जा सके।
ये परिवार घनी आबादी वाली बस्तियों में बिना दस्तावेजों के रह रहे थे, जिससे उनकी पहचान करना एक चुनौती थी। पुलिस ने डोर-टू-डोर जांच, स्थानीय लोगों से पूछताछ और सड़क पर निगरानी जैसे कदम उठाए। खास तौर पर, बच्चों के लिए दूध और अन्य जरूरी सामानों की खरीदारी के पैटर्न ने पुलिस को इन परिवारों तक पहुंचने में मदद की।
डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि इस ऑपरेशन के बाद भी जांच जारी है। पकड़े गए लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। अवैध प्रवास को रोकने के लिए ऐसे अभियान भविष्य में भी चलाए जाएंगे।