जो श्रीहरि के दास हैं, वह कभी हार नहीं सकते: श्रीकांत शर्मा
कोलकाता से आए कथावाचक श्रीकांत शर्मा ने रांची में प्रवचन के दौरान कहा कि भगवान भक्तों की रक्षा करते हैं। उन्होंने बताया कि काम, क्रोध और लोभ मानव के शत्रु हैं। कथा सुनने से भक्तों का कल्याण होता है और...

रांची, प्रमुख संवाददाता। कोलकाता से आए कथावाचक श्रीकांत शर्मा ने कहा कि श्री भगवान भक्तों की रक्षा करते हैं। जिसके रक्षक भगवान हैं, उसे कोई मार नहीं सकता। जो प्रभु का दास हो, वो कभी हार नहीं सकता। भगवान सभी भक्तों का मंगल करते हैं। उनका विधान सभी को कष्ट से बचाता है। इसलिए, हम सभी को धैर्य से सुख-दुख में समान भाव वाला बना रहना चाहिए। मानव को उनके भाग्य से ही सुख-दुख मिलता है। वे सोमवार को अग्रसेन भवन सभागार में श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन सोमवार को प्रवचन कर रहे थे। कथा को आगे बढ़ाते हुए महाराजश्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत, श्री रामायण जी मनुष्यों को ज्ञान देते हैं कि सभी के सच्चे मित्र श्रीकृष्ण हैं।
समुद्र मंथन से एक बार 14 रत्न मिले पर आत्ममंथन ही सबसे बड़ा रत्न है, जिससे परमात्मा प्राप्त होते हैं। श्रीराम जन्म उत्सव प्रसंग का भक्तों को श्रवण कराते हुए कथावाचक ने कहा कि व्यास जी ने कहा कि श्रीराम के लिए ब्रह्मा विद्यमान हैं। श्रीराम हमारे देश के आदर्श हैं। शास्त्र जैसा कहता है, वैसा ही करें। भगवान जब हृदय में प्रगट होते हैं, तब मानव का कल्याण होता है। बिना संतों की सेवा के ईश्वर नहीं मिल सकते। भगवान का भजन-कीर्तन तुम्हें बचा सकता है। प्रभु हृदय सिंहासन पर आए इसलिए कथा सुनी जाती है। काम, क्रोध और लोभ मानव को कमजोर करते हैं, जब तक यह रहते हैं प्रभु का सामीप्य नहीं मिलता। कथा काम, क्रोध और लोभ को दूर करती है श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कथा काम, क्रोध और लोभ के विकार को दूर करती है। काम मानव का शत्रु है, लेकिन वह मित्र के समान प्रतीत होता है। जो लोग स्वयं को भगवान घोषित करें, ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए। वैज्ञानिक अभी तक एक मौलिक कीड़ा भी नहीं बना सके, लेकिन लोगों ने धरती पर कई भगवान बना दिए। इस तरह के लोगों और स्वयंभू भगवान से सतर्क रहना चाहिए। जिसका पाप ज्यादा बढ़ जाता है, उसके अंदर भक्ति का संचार नहीं होता है। कथा के दौरान भक्तों ने राजा बली, वामन अवतार की झांकी के दर्शन किए। लोगों कथा के बाद व्यास पीठ की आरती हुई। इसके बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण हुआ। कथा स्थल पर ओमप्रकाश केडिया, विश्वनाथ नारसरिया, लता देवी केडिया, निरंजन, अजय, संजय केडिया, निर्मल बुधिया, प्रमोद सारस्वत, राजेश गोयल, सुरेंद्र अग्रवाल, पवन शर्मा, विनोद जैन, पवन पोद्दार, अशोक नारसरिया, अनिल अग्रवाल, विशाल पाड़िया, अमित शर्मा, उर्मिला पाडिया समेत अन्य उपस्थित थे।
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