Supreme Court Stays Jharkhand High Court s Contempt Ruling Against Bokaro Forest Officials बोकारो वन प्रमंडल के दो अधिकारियों को दोषी करार दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, Ranchi Hindi News - Hindustan
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बोकारो वन प्रमंडल के दो अधिकारियों को दोषी करार दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

झारखंड हाईकोर्ट द्वारा बोकारो वन प्रमंडल के दो अधिकारियों को अवमानना का दोषी करार दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उपायुक्त को 24 जुलाई को मूल खतियान के साथ पेश होने का...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीWed, 28 May 2025 05:34 PM
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बोकारो वन प्रमंडल के दो अधिकारियों को दोषी करार दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

रांची, विशेष संवाददाता। बोकारो वन प्रमंडल के दो अधिकारियों को अवमानना का दोषी करार दिए जाने के झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रोक लगा दी है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह की बेंच ने बोकारो के उपायुक्त को तेतुलिया मौजा के मूल खतियान के साथ 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि दस्तावेजों के कस्टोडियन जिले के उपायुक्त होते हैं, इसलिए डीसी खतियान की मूल कॉपी के साथ कोर्ट के समक्ष उपस्थित हों। अदालत ने उपायुक्त को छह सप्ताह के अंदर यह बताने का निर्देश दिया है कि खतियान का दस्तावेज कैसे अस्तित्व में आया।

सुप्रीम कोर्ट ने उक्त विवादित भूमि की प्रकृति पर यथास्थिति बरकरार रखने का भी आदेश दिया है। अब शीर्ष अदालत इस मामले में 24 जुलाई को सुनवाई करेगा। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष तेतुलिया मौजा की भूमि का सत्यापित खतियान और सॉफ्ट कॉपी प्रस्तुत की गई थी। क्या है मामला इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन से अमायुष मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने तेतुलिया मौजा में 74.38 एकड़ जमीन खरीदी थी। 10 फरवरी 2021 को जमीन की रजिस्ट्री हुई। लेकिन, उक्त जमीन पर राज्य सरकार की ओर से दावा किया गया कि वह जमीन प्रतिबंधित वन भूमि है। इसके खिलाफ अमायुष मल्टीकॉम कंपनी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें सरकार का दावा खारिज कर दिया गया। इसके बाद राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई, लेकिन यहां भी सरकार को राहत नहीं मिली। इसके बाद बोकारो के डीएफओ रजनीश कुमार ने कंपनी को एक पत्र जारी किया। इसके माध्यम से कंपनी को उक्त जमीन पर गैर वानिकी काम नहीं करने का निर्देश दिया गया। डीएफओ और आरसीसीएफ को दोषी करार दिया इसके खिलाफ कंपनी ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दोनों अधिकारियों को अवमानना का दोषी करार दिया। अदालत ने अपने फैसले में डीएफओ रजनीश कुमार और आरसीसीएफ डी. वेंकटेश्वरा को न्यायालय के अवमानना का दोषी करार दिया। हालांकि, अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में इन दोनों अधिकारियों के अवमानना मामले में सजा नहीं सुनाई। उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाने की आजादी दी थी। दोषी करार अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया गया था।

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