मानसून की दस्तक के साथ जलजनित बीमारियों का बढ़ा खतरा
सिमडेगा जिले में मानसून के साथ जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों में डायरिया, मलेरिया और वायरल बुखार के मामलों में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को...

सिमडेगा, प्रतिनिधि। मानसून की दस्तक के साथ ही सिमडेगा जिले में जलजनित बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ गया है। सदर अस्पताल सहित विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य उपकेंद्रों में डायरिया, मलेरिया और वायरल बुखार जैसे मामलों में 15 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। चिकित्सकों के अनुसार इस मौसम में खानपान की अनियमितता और गंदा पानी पीने से सबसे ज्यादा डायरिया और टाइफाइड के मरीज सामने आ रहे हैं। वहीं जल जमाव वाले इलाकों में मच्छरों के पनपने से मलेरिया और डेंगू का खतरा भी बना हुआ है। इधर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जलजनित बीमारियों से बचाव और समय रहते इलाज के लिए गांव-गांव में स्वास्थ्यकर्मियों एवं सहियाओं को सक्रिय किया गया है।
उन्हें साफ-सफाई बनाए रखने, दूषित जल सेवन से बचाव और शुरुआती लक्षणों पर इलाज कराने की सलाह देने के निर्देश दिए गए हैं। मलेरिया विभाग द्वारा स्कूलों एवं गांवों में एंमपीडब्लयू कर्मचारियों के माध्यम से बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही बुखार रोगियों को खून जांच किया जा रहा है। क्या कहते हैं सीएस सिविल सर्जन डॉ रामदेव पासवान ने बताया कि जिले के हाई रिस्क एरिया में विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही लोगों को पानी उबालकर पीने, खुले में शौच से परहेज और बच्चों की विशेष देखभाल करने की सलाह दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में दवाओं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। सभी पीएचसी और उपकेंद्रों में ओआरएस, जिंक टैबलेट्स, एंटीबायोटिक, बुखार व उल्टी-दस्त की दवाएं भेज दी गई हैं। साथ ही जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त आपूर्ति के लिए भी योजना बनाई गई है।
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