मेंहदीपुर बालाजी से क्यों नहीं लाना चाहिए प्रसाद? जानें मंदिर से जुड़े और दिलचस्प नियम Why you should not brought prasad from Mehandipur Balaji to home important rules to follow while visiting temple, Travel news in Hindi - Hindustan
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मेंहदीपुर बालाजी से क्यों नहीं लाना चाहिए प्रसाद? जानें मंदिर से जुड़े और दिलचस्प नियम

मेंहदीपुर बालाजी हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। ऐसा कहा जाता है कि यहां से प्रसाद भूलकर भी नहीं लाना चाहिए। आइए जानें इसके पीछे की वजह और मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे ही दिलचस्प नियम।

Anmol Chauhan लाइव हिन्दुस्तानMon, 2 June 2025 12:57 PM
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मेंहदीपुर बालाजी से क्यों नहीं लाना चाहिए प्रसाद? जानें मंदिर से जुड़े और दिलचस्प नियम

भारत में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनकी मान्यताएं और परंपराएं सदियों पुरानी हैं। इन्हीं मंदिरों से एक है, राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर। ये मंदिर हनुमान जी के चमत्कारी रूप और भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति दिलाने वाले स्थान के रूप में जाना जाता है। बालाजी महाराज का यह मंदिर एक रहस्यमयी और शक्तिशाली स्थल के रूप में प्रसिद्ध है, जहां कुछ विशेष नियमों का पालन करना सबके लिए जरूरी है। इन्हीं नियमों में से एक है कि इस मंदिर से लौटते समय यहां का प्रसाद घर ले जाना मना होता है। चलिए जानते हैं ऐसा क्यों है, साथ ही जानेंगे इस मंदिर से जुड़े अन्य नियम और मान्यताओं के बारे में। लेकिन इससे पहले जानते हैं मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की विशेषता क्या है।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की विशेषता

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में हनुमान जी को 'बालाजी' के नाम से पूजा जाता है। यहां भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार की भी पूजा होती है। यह मंदिर विशेष रूप से उन लोगों के लिए प्रसिद्ध है जो किसी प्रकार की ऊपरी बाधा, भूत-प्रेत, या नेगेटिव एनर्जी से परेशान होते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां की पूजा-पाठ और अनुष्ठान करने से व्यक्ति इन सभी परेशानियों से मुक्त हो जाता है।

घर क्यों नहीं लाना चाहिए मेंहदीपुर बालाजी मंदिर का प्रसाद

राजस्थान राज्य का प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी मंदिर किसी नॉर्मल मंदिर की तरह नहीं है। मान्यता है कि यहां आने से भूत-प्रेत और नेगेटिव एनर्जी से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां की शक्तियाँ बहुत ही एक्टिव होती हैं। यही वजह है कि यहां का प्रसाद और जल केवल मंदिर परिसर में ही खा लेना चाहिए और बचा हुआ प्रसाद वहीं पर छोड़ देना चाहिए। दरअसल कई बार भक्तों पर से उतारी गई नकारात्मक शक्तियाँ मंदिर परिसर में ही रह जाती हैं। ऐसे में यदि यहां से कोई चीज साथ घर ले जाई जाती है, तो ये नेगेटिव एनर्जी भी अनजाने में घर पहुंच सकती है। इस एनर्जी का इफेक्ट घर और घर के अन्य सदस्यों पर पड़ सकता है।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के अंदर ध्यान रखने वाली बातें

* बालाजी मंदिर से बाहर निकलते समय पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा फिर से पीछा कर सकती है।

* जितनी देर आप मंदिर के अंदर है किसी से भी बातचीत ना करें।

मंदिर में अक्सर आप देखेंगे कि कुछ लोग असामान्य व्यवहार कर रहे होते हैं। ऐसे लोगों को देखकर हंसे नहीं और साथ ही इनसे एक सुरक्षित दूरी बनाकर रखें।

* बालाजी का दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं को श्री राम और सीता मां के दर्शन जरूर करने चाहिए। ऐसी मान्यता है कि उनके दर्शन के बाद ही बालाजी के दर्शन सफल माना जाते हैं।

* यहां पूजा विशेष मंत्रों और पुरानी परंपराओं के अनुसार की जाती है। इसलिए बिना जानकारी के कोई अनुष्ठान न करें।

* दर्शन करने के बाद ज्यादा देर तक मंदिर या इसके आसपास नहीं रुकना चाहिए और सीधे अपने डेस्टिनेशन की ओर लौट जाना चाहिए।

* बालाजी मंदिर से लौटने के बाद कुछ दिनों तक लहसुन-प्याज और नॉनवेज से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। यहां तक कि यहां आते समय भी ऐसी किसी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए।

(Image Credit: Pinterest)

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