BJP is another name for manipulation, After Rahul Gandhi, Digvijay Singh accused of rigging in voter list हेरफेर का दूसरा नाम ही भाजपा; राहुल गांधी के बाद दिग्विजय ने लगाया वोटर लिस्ट में धांधली का आरोप, Madhya-pradesh Hindi News - Hindustan
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हेरफेर का दूसरा नाम ही भाजपा; राहुल गांधी के बाद दिग्विजय ने लगाया वोटर लिस्ट में धांधली का आरोप

अंशुमान नाम के यूजर की पोस्ट शेयर करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा, ‘हेरफेर का दूसरा नाम ही भाजपा है’ मुझे नहीं पता कि ये मतदाता कहां से आए हैं। मैं इस निर्वाचन क्षेत्र को अंदर से जानता हूं। जय सिया राम, राघौ जी महाराज की जय।'

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, भोपाल, मध्य प्रदेशSat, 7 June 2025 06:21 PM
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हेरफेर का दूसरा नाम ही भाजपा; राहुल गांधी के बाद दिग्विजय ने लगाया वोटर लिस्ट में धांधली का आरोप

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था और यह मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी दोहराई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसके बाद उन जगहों पर भी ऐसा ही किया जाएगा, जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी हार रही होगी। एक तरफ राहुल गांधी ने यह आरोप लगाया, दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए गांधी के आरोपों को सच साबित करने की कोशिश की। दिग्विजय सिंह ने एक अन्य यूजर की पोस्ट को शेयर किया जिसमें सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह के विधानसभा क्षेत्र राघौगढ़ में अचानक 40 हजार वोटर बढ़ने की बात बताते हुए धांधली का आरोप लगाया था। इसी पोस्ट को शेयर करते हुए दिग्विजय सिंह ने भाजपा को हेरफेर का दूसरा नाम बताया।

दरअसल दिग्विजय सिंह ने जो पोस्ट शेयर की उसमें राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र के साल 2018 और साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों की तुलना की गई है, और बताया गया है कि किस तरह इन पांच सालों के दौरान विधानसभा क्षेत्र में 40 हजार नए वोटर बढ़ गए, और सभी ने भाजपा को वोट दिया। जिसकी वजह से साल 2018 में कांग्रेस उम्मीदवार जयवर्धन सिंह की जीत का अंतर जहां करीब साढ़े छियालीस हजार था, वह 2023 के चुनावों में घटकर महज 4505 ही रह गया। इस पोस्ट को शेयर करते हुए अंशुमान सेल नेहरू नाम के यूजर ने लिखा, 'मध्य प्रदेश के राघौगढ़ जैसे ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में 5 वर्षों में 40 हजार नए मतदाता जुड़े जो कि बिल्कुल अप्राकृतिक है। सबसे क्रूर बात यह है कि इन सभी 40 हजार नए मतदाताओं के वोट भाजपा को गए, जिसकी वजह से 2018 में उसके वोटरों की संख्या जो कि 51000 थी, साल 2023 में अचानक से बढ़कर 91000 हो गई। राहुल गांधी ने चुनाव में धांधली का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है।'

उधर अंशुमान नाम के यूजर की इसी पोस्ट को अपनी वॉल पर शेयर करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा, “हेरफेर का दूसरा नाम ही भाजपा है” मुझे नहीं पता कि ये मतदाता कहां से आए हैं। मैं इस निर्वाचन क्षेत्र को अंदर से जानता हूं। जय सिया राम, राघौ जी महाराज की जय।'

यूजर ने जो बताया उसके मुताबिक भाजपा के वोटों में 5 साल में इस तरह बढ़ोतरी हुई

2018 विधानसभा चुनाव रिजल्ट

विधानसभा सीट- राघौगढ़ (मप्र)

कांग्रेस को मिले मत- 98,268

भाजपा को मिले मत- 51,571

जीत का अंतर- 46,697

2023 विधानसभा चुनाव रिजल्ट

विधानसभा सीट- राघौगढ़ (मप्र)

कांग्रेस को मिले मत- 95,738

भाजपा को मिले मत- 91,233

जीत का अंतर- 4505

इन दोनों चुनाव के बीच राघौगढ़ में मतदाताओं की संख्या 40 हजार बढ़ गई, साथ ही भाजपा को मिले वोटों की संख्या भी आश्चर्यजनक रूप से 39,662 बढ़ गई। दिग्विजय सिंह ने भी अपने नेता राहुल गांधी की तरह इसी मुद्दे को उठाते हुए भारतीय जनता पर निशाना साधा।

राहुल गांधी ने इसी मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाया

इससे पहले राहुल गांधी ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इसी मुद्दे से जुड़ी एक पोस्ट करते हुए लिखा, ‘चुनाव की चोरी का पूरा खेल! 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था।’

आगे राहुल गांधी ने लिखा, ‘अपने आर्टिकल में मैंने विस्तार से बताया है कि कैसे यह साज़िश step by step रची गई: Step 1: चुनाव आयोग की नियुक्ति करने वाले पैनल पर कब्ज़ा, Step 2: वोटर लिस्ट में फर्ज़ी मतदाता जोड़े गए, Step 3: मतदान प्रतिशत बढ़ा चढ़ा कर दिखाए, Step 4: जहां बीजेपी को जिताना था, वहां टारगेट करके फर्जी वोटिंग कराई गई, Step 5: सबूतों को छुपा दिया गया।’

आगे उन्होंने लिखा, 'ये समझना बिल्कुल मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में भाजपा इतनी बौखलाई हुई क्यों थी। लेकिन चुनाव में धांधली भी मैच फिक्सिंग जैसी होती है – जो पक्ष धोखाधड़ी करता है, वो भले ही जीत जाए, लेकिन इससे लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होती हैं और जनता का नतीजों से भरोसा उठ जाता है।, हर ज़िम्मेदार नागरिक को सबूतों को खुद देखना चाहिए, सच्चाई समझनी चाहिए और जवाब मांगने चाहिए। क्योंकि महाराष्ट्र की यह मैच फिक्सिंग अब बिहार में भी दोहराई जाएगी और फिर वहां भी, जहां-जहां बीजेपी हार रही होगी। मैच फिक्स किए गए चुनाव लोकतंत्र के लिए जहर हैं।'

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