NEET यूजी रिजल्ट पर MP हाई कोर्ट ने लगाई रोक, क्या है वजह
नीट यूजी रिजल्ट जारी करने पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। एमपी हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए रिजल्ट जारी करने पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

नीट यूजी एग्जाम रिजल्ट( NEET-UG Result) पर बड़ा अपडेट सामने आया है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है। मिली जानकारी के मुताबिक 4 मई को इंदौर में नीट की परीक्षा के दौरान छात्रों को लाइट कटने के बाद हुई परेशानी के चलते मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। गुरुवार को याचिका पर हाईकोर्ट ने नीट यूजी आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से पूछा कि वह इस मामले में क्या कदम उठा रही है। हाईकोर्ट ने एनटीए, बिजली कंपनी और परीक्षा केंद्र को नोटिस जारी किए हैं। 30 जून तक सभी को जवाब पेश करना होगा।
इस मामले को लेकर पीड़ित छात्रों का कहना है कि परीक्षा के दिन हुई 2.7 इंच बारिश और 120 किमी रफ्तार से चली तूफानी हवा चली। इस वजह से शहर की बिजली सप्लाई व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। घने बादल, बारिश की वजह से दिन में अंधेरे जैसी स्थिति थी। लाइट नहीं होने से परीक्षा केंद्रों में भी अंधेरा छा गया था। हजारों छात्र प्रश्न पत्र तक नहीं पढ़ पा रहे थे। जवाब भी नहीं दे पाए थे। परीक्षा देने वाले छात्रों का कहना है कि शहर के 11-12 सेंटर पर पांच हजार से ज्यादा परीक्षार्थी बिजली गुल होने से प्रभावित हुए थे। यह पहला मौका था जब एनटीए ने सरकारी स्कूल में केंद्र बनाए थे। यहां पावर बैकअप की कोई व्यवस्था ही नहीं थी।
याचिका में यह साफ तौर पर लिखा हुआ है कि 4 मई को मध्य प्रदेश में 30 शहरों में यह परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में ढाई लाख छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे। नीट एग्जाम के लिए 49 केंद्र इंदौर में बनाए गए थे। वहीं इंदौर में 27 हजार छात्र-छात्राएं इस परीक्षा में शामिल हुए थे। नीट एग्जाम के दिन इंदौर में मौसम के बदलने से लगभग 11 सेंटरों की बिजली चली गई। बिजली जाने के बाद कई छात्रों और उनके परिजनों ने इसका विरोध भी किया था, कि तेज हवा और आंधी तूफान के कारण उनका पेपर खराब हुआ है बिजली गुल हो जाने से परीक्षा केंद्र में मोमबत्ती और टॉर्च उपलब्ध कराए थे, लेकिन ठीक ढंग से परीक्षा न हो पाई। इसके कारण कई छात्र-छात्राएं साल भर की मेहनत के बाद परीक्षा केंद्र से बाहर रोते हुए निकले। उन्हें उनके भविष्य के खराब होने की चिंता थी।
जानकारी के अनुसार एग्जाम सेंटर बनाने के लिए सख्त प्रक्रिया है, जिसमें एनटीए का एग्जाम सेंटर पाने के लिए बोली लगानी पड़ती है। जिसकी अर्नेस्ट मनी एक करोड़ रुपए के लगभग होने के बाद भी सामने आई है। वहीं इतना अधिक अर्नेस्ट मनी करने के बाद भी यदि एग्जाम सेंटर इस प्रकार के लापरवाही बरती गई है, तो छात्रों के भविष्य सीधे तौर पर खिलवाड़ होते हुए दिखाई दे रहा है।