आंख खुली तो सामने खड़ा था बुलडोजर, MP में प्रशासन ने तोड़ दिए कई घर; क्या थी वजह
मध्य प्रदेश के उज्जैन में प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई की है। प्रशासन ने सुबह-सुबह ही उज्जैन के एक मोहल्ले में बुलडोजर तैनात कर दिया। जब लोगों की आंख खुली तो बुलडोजर अपनी कार्रवाई में लग चुका था।

मध्यप्रदेश के उज्जैन में मुस्लिम बहुल क्षेत्र बेगम बाग में 19 दिनों के बाद एक बार फिर बुलडोजर एक्शन शुरू हुआ है। यहां प्रशसन ने लोगो के नींद से जगाने के पहले घर के बाहर बुलडोजर लाकर खड़ा हो गया। सुबह 6 बजे से शुरू हुए बुलडोजर ऐक्शन में 7 मकानों के अवैध हिस्से को तोड़ा गया है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा और इस दौरान पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।
मामला उज्जैन के बेगमबाग इलाके का है। बुधवार सुबह यहां एक बार फिर उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) की बड़ी कार्रवाई हुई। करीब 19 दिन बाद यूडीए ने नगर निगम और पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर सुबह 7 बजे अवैध निर्माण के खिलाफ मोर्चा संभाला। कार्रवाई मुस्लिम बहुल क्षेत्र में की गई, जहां 7 मकानों को तोड़ा गया है। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। कार्रवाई इतनी अचानक थी कि लोग नींद से भी नहीं जाग पाए थे। जब उन्होंने आंखें खोलीं, तो घर के बाहर नगर निगम और पुलिस की टीमें बुलडोजर लेकर खड़ी थीं।
प्रशासन ने बताई वजह
गौरतलब है कि उज्जैन विकास प्राधिकरण ने यहां बने 28 मकानों की लीज 2014 में निरस्त की थी। प्रशासन ने बताया कि मकानों की लीज नवीनीकरण ना कराकर इस पर नियमो का उल्लंघन कर अवैध रूप से कॉमर्शियल निर्माण किया गया था। एक ही प्लॉट को टुकड़ों में बांटकर कई लोगों को बेचा गया, जो स्पष्ट रूप से गलत है। बुधवार कार्रवाई के तहत जिन मकानों को तोड़ा गया। उनमें गुलनाज खान मकान नंबर 20, कनीज खान मकान नंबर 59, अब्दुल लतीफ मकान नंबर 59/1, मोहम्मद मकान नंबर 30, जुबैदा खान मकान नंबर 64 शामिल हैं।
विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप सोनी के अनुसार इन मकानों पर पहले भी कार्यवाही की गई थी। हालांकि, उस दौरान कुछ लोग कोर्ट से स्टे ले आया थे, तो कार्रवाई रोकी गई थी। अब कोर्ट से स्टे हटने के बाद 7 दिनों का नोटिस दिया गया, उसके बाद बुधवार अलसुबह से कार्रवाई की जा रही है।
यह कार्रवाई यूडीए की एक पूर्व स्वीकृत योजना के तहत की जा रही है। लगभग डेढ़ साल पहले यूडीए के संचालक मंडल ने वर्ष 2014 मे 28 ऐसी संपत्तियों की लीज निरस्त की थी, जिनमें नियमों का उल्लंघन किया गया था। इनमें या तो लीज नवीनीकरण के बिना अवैध रूप से कॉमर्शियल निर्माण किया गया था। एक ही प्लॉट को टुकड़ों में बांटकर कई लोगों को बेचा गया, जो स्पष्ट रूप से गलत है। इसलिए लीज रद्द की गई थी। इन संपत्तियों की लीज में ही समाप्त हो चुकी थी। सितंबर 2024 में यूडीए द्वारा इन पर अतिक्रमण हटाने का अंतिम आदेश जारी किया गया था, जिसके बाद संबंधित पक्ष न्यायालय चले गए थे। अब हाईकोर्ट से स्टे हट जाने के बाद इन्हीं संपत्तियों में से पहले चरण में 7 मकानों को चिह्नित कर तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है।