महाराष्ट्र में आसमान से गिर रही आफत, मुंबई में पटरियों पर भरा पानी; अब तक 21 की मौत
महाराष्ट्र में इस बार मॉनसून वक्त से 15 दिन पहले पहुंचा और अपने साथ भारी बारिश और तबाही लेकर आया। राज्यभर में 21 लोगों की जान जा चुकी है जबकि कई जिलों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं।

महाराष्ट्र में इस साल मॉनसून ने तय तारीख से पंद्रह दिन पहले दस्तक दी है। जहां आमतौर पर बारिश 11 जून के आसपास शुरू होती है, इस बार 25 मई को सिंधुदुर्ग जिले से इसकी शुरुआत हो गई और 26 मई तक मुंबई तक भी पहुंच गया। मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर पर बना कम दबाव का क्षेत्र चक्रवात बनने की ओर था लेकिन वह डिप्रेशन में बदल गया और रत्नागिरी से लगभग 40 किमी उत्तर तथा दापोली के दक्षिण में जमीन से टकरा गया, जिससे पुणे और सतारा में 24 मई को भारी बारिश हुई। राज्य में बारिश की वजह से 21 लोगों की जान चली गई है।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे जिले में दौंड में सबसे ज्यादा 117 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारामती में 104.75 मिमी और इंदापुर में 63.25 मिमी बारिश हुई। बारामती के कटेवाड़ी गांव में बाढ़ में फंसे सात लोगों को बचाया गया जबकि नारोली गांव में एक गाय की मौत हो गई। 25 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं और 70-80 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इंदापुर और बारामती में राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात की गई हैं। मोबाइल नेटवर्क में भी बाधा आई थी लेकिन मरम्मत का काम चल रहा है। इंदापुर में दो और लोगों को बचाया गया।
एनडीआरएफ की टीमें तैनात
सातारा जिले के फलटन में 163.5 मिमी बारिश हुई। दहीवाड़ी-फलटन सड़क पर दूधेबावी गांव के पास 30 लोग फंस गए थे, जिनके लिए खाने-पीने और रुकने की व्यवस्था की गई। राहत के लिए बारामती से भेजी गई एनडीआरएफ की टीम वहां तैनात है। सोलापुर जिले में 67.75 मिमी बारिश दर्ज की गई और नीरा नदी किनारे के गांवों के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया। मालशिरस के कुरुबवी गांव के पास फंसे छह लोगों और पंढरपुर में भीमा नदी किनारे फंसे तीन लोगों को भी बचा लिया गया।
मुंबई रेलवे ट्रैक डूबा
रायगढ़ जिले के करजत में बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और महाड से रायगढ़ किले तक की सड़क बंद कर दी गई है। मुंबई में हार्बर लाइन की ट्रेन सेवाएं पटरियों पर पानी भरने के कारण कुछ समय के लिए रोकी गईं। अहिल्यनगर के कई इलाकों में जैसे अकोलनेर, खड़की, वालकी, सोनेवाड़ी रोड और शिराढोन में अचानक आई बाढ़ में सेना, फायर डिपार्टमेंट और प्रशासन ने 39 लोगों को बचाया।
अब तक 21 की मौत
गौरतलब है कि अब तक राज्य में 21 लोगों की मौत, दो घायल, 22 पशुओं की मौत और दो जानवरों के घायल होने की पुष्टि हुई है। हालात को संभालने के लिए एनडीआरएफ की 18 टीमें महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में तैनात की गई हैं जिनमें रायगढ़, ठाणे, सातारा, सिंधुदुर्ग, कल्याण और रत्नागिरी शामिल हैं। अन्य जिलों जैसे सांगली, कोल्हापुर और मुंबई में भी टीमें जल्द पहुंचने वाली हैं।