बाइडेन नहीं, 'गुप्त सरकार' चला रही थी अमेरिका? ट्रंप ने बिठाई जांच, क्या है ऑटोपेन विवाद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब बाइडेन सरकार के दौरान ऑटोपेन के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। ट्रंप का दावा है कि बाइडेन की खराब मानसिक स्थिति के कारण उनके आस-पास के लोग फैसले ले रहे थे।

क्या अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन वाकई खुद फैसले ले रहे थे, या उनके नाम पर कोई और देश चला रहा था? यह सवाल अब अमेरिकी राजनीति के केंद्र में है। अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब बाइडेन के कार्यकाल में ऑटोपेन से किए गए दस्तावेजों पर गंभीर सवाल उठाते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।
ट्रंप का आरोप है कि बाइडेन के मानसिक स्वास्थ्य को छिपाने के लिए उनके सलाहकारों ने ऑटोपेन मशीन के ज़रिए हजारों दस्तावेजों पर उनके फर्जी हस्ताक्षर कराए। इसमें राष्ट्रपति क्षमादान, नीतिगत आदेश और नियम शामिल हैं।
क्या है ऑटोपेन विवाद?
ऑटोपेन एक ऐसा यंत्र होता है जो किसी व्यक्ति के हस्ताक्षर को हूबहू कॉपी कर सकता है। दशकों से राष्ट्रपति इसका इस्तेमाल करते आए हैं, लेकिन ट्रंप का कहना है कि बाइडेन की मानसिक हालत खराब थी और इसका फायदा उठाकर उनके आसपास के लोग असली फैसले खुद ले रहे थे। ट्रंप ने इस पूरे मामले को "अमेरिकी इतिहास का सबसे खतरनाक राजनीतिक घोटाला" बताया है। ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी और वाइट हाउस के वकील डेविड वॉरिंगटन को इस जांच की जिम्मेदारी सौंपी है।
इन अधिकारियों के खिलाफ जांच
इस बीच, हाउस ओवरसाइट कमेटी के चेयरमैन और केंटकी से रिपब्लिकन सांसद जेम्स कोमर ने बाइडेन के पांच वरिष्ठ सलाहकारों के साक्षात्कार की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग “एक बड़े स्तर की सच्चाई पर पर्दा डालने वाली साजिश” में शामिल थे। जिन अधिकारियों से पूछताछ की मांग की गई है, उनमें वाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार माइक डोनिलन, अनीता डन, पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ रॉन क्लेन, डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ ब्रूस रीड और पूर्व काउंसलर स्टीव रिकेट्टी शामिल हैं। इसके अलावा कोमर ने बाइडेन के निजी चिकित्सक केविन ओ’कॉनर और पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों एनी टोमासिनी, एंथनी बर्नाल, एशली विलियम्स और नीरा टंडन से भी समिति के सामने पेश होने को कहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ये लोग स्वेच्छा से नहीं आए तो इस हफ्ते समन जारी किए जाएंगे।
डेमोक्रेट्स ने बताया- राजनीतिक नाटक
डेमोक्रेट नेताओं ने इस जांच को ‘राजनीतिक नाटक’ बताते हुए खारिज कर दिया है। प्रतिनिधि जेमी रास्किन ने कहा, “कोमर ने पिछली बार राष्ट्रपति बाइडेन के खिलाफ महाभियोग लाने की कोशिश की थी, लेकिन वो बुरी तरह फेल हुए। अब यह पूरी कवायद खत्म हो चुकी है।”
गौरतलब है कि बाइडेन ने पिछले साल ट्रंप के साथ बहस में खराब प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति पद की दौड़ से खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक टिकट पर उतारा गया, लेकिन वे चुनाव हार गईं। अब ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी इस पूरे विवाद को ‘जनता के साथ धोखा’ बताकर, बाइडेन प्रशासन के आखिरी फैसलों को अमान्य करार देने की कोशिश में हैं।
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