डोनाल्ड ट्रंप से डर गए शी जिनपिंग? मुलाकात से इनकार, चीन-अमेरिका के बीच और गहराया ट्रेड वॉर
फरवरी में वाइट हाउस में ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच टकराव हो गया था, जिसकी वजह से खनिज सौदा अटक गया था। मई में भी दक्षिण अफ़्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ भी ट्रंप ने इसी तरह का व्यवहार किया था।

टैरिफ वॉर, युद्ध और वैश्विक खींचतान के बीच दुनिया की दो बड़ी आर्थिक महाशक्तियों (अमेरिका और चीन) के राष्ट्रपति यानी डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग की संभावित मुलाकात पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कुछ हफ्तों से ये चर्चा चल रही है कि दोनों नेता टैरिफ पर तकरार खत्म करने के लिए मुलाकात कर सकते हैं और ट्रेड वॉर को खत्म कर सकते हैं लेकिन अब इसमें ट्विस्ट आ गया है। चीन ने इस तरह की मुलाकात से इनकार कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अब चीनी राष्ट्रपति अमेरिकी समकक्ष से मिलने को इच्छुक नहीं हैं। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अधिकारी रश दोशी के हवाले से न्यूजवीक ने बताया है कि यूक्रेन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपतियों के साथ वाइट हाउस में हुए खराब व्यवहार और हालिया विवादों का हवाला देते हुए बीजिंग शी जिनपिंग को इस जोखिम में डालना नहीं चाह रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप का व्यवहार संभावित रूप से शर्मनाक या अप्रत्याशित मुठभेड़ का जोखिम बढ़ा सकता है। इसलिए दोनों नेताओं के बीच मीटिंग संभव नहीं है।
वाइट हाउस से चाहिए यह ठोस आश्वासन
एसओएएस यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के चाइना इंस्टीट्यूट के निदेशक स्टीव त्सांग ने बताया कि शी भी यह कभी नहीं चाहेंगे कि अगर वे दोनों मिलते हैं तो ट्रम्प उनके बारे में कुछ अप्रिय बातें कहें। त्सांग ने कहा कि जब तक कि वाइट हाउस से यह ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता कि ऐसा नहीं होगा, तब तक शी जिनपिंग ट्रंप से मुलाकात नहीं करेंगे। दरअसल, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा की वाइट हाउस में हुई बेइज्जती चीनी सरकार संशय में है। इस बीच, वाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि इसी हफ्ते ट्रंप और शी जिनपिंग फोन पर बातचीत करेंगे, जो इस खबर की पुष्टि करता है कि बीजिंग ने वाइट हाउस में मीटिंग करने से इनकार कर दिया है।
शी से फोन पर बातचीत के लिए अड़े ट्रंप
पॉलिटिको की एक रिपोर्ट के अनुसार, मई में दोनों पक्षों के बीच टैरिफ पर अस्थाई विराम लगने के बाद ट्रम्प प्रशासन पर खराब हो रही व्यापार वार्ता को फिर से शुरू करने का दबाव है। इसीलिए अमेरिकी नेता विकल्प के तौर पर अपने चीनी समकक्ष के साथ फोन कॉल पर बातचीत करने के लिए अड़े हुए हैं। ट्रम्प ने देर रात सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि शी के साथ समझौता करना "बहुत कठिन" है।
हिचकिचाहट वैश्विक बाजार और द्विपक्षीय व्यापार के लिए झटका
विश्लेषकों के मुताबिक, बीजिंग की ओर से मुलाकात पर इस तरह की हिचकिचाहट दिखाना वैश्विक बाजार और द्विपक्षीय व्यापार में एक अहम मोड़ पर पहुंचे अमेरिका और चीन के लिए एक बड़ा झटका है। पिछले महीने अमेरिका और चीन ने पारस्परिक टैरिफ को कम करने पर सहमति जताई थी। दोनों पक्षों ने कुछ टैरिफ को रद्द कर दिया था, जबकि अन्य को 90 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था। दरअसल, ट्रम्प का मानना है कि शी के साथ बातचीत से बिगड़ती व्यापार वार्ता में मदद मिल सकती है, लेकिन इससे वह सफलता मिलने की संभावना नहीं है जिसकी अमेरिकी नेता को उम्मीद है।
बता दें कि ट्रेड और टैरिफ वॉर के बीच ट्रम्प प्रशासन चीन द्वारा महत्वपूर्ण खनिजों और महत्वपूर्ण विनिर्माण पर रोक लगाए जाने से दबाव में है। चीन ने अमेरिका पर पलटवार करते हुए सभी तरह के रेयर मिनरल्स की सप्लाई रोक दी है, जिससे अमेरिका छटपटा रहा है। यह दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर और गहराने के संकेत हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।