पाकिस्तानी सेना के साथ सैन्य सहयोग मत करना, वरना चीन... भारत ने ऑस्ट्रेलिया को दी चेतावनी
भारत ने ऑस्ट्रेलिया से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग को सीमित करे, क्योंकि इससे न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा हो सकता है, बल्कि ऑस्ट्रेलिया की उन्नत रक्षा तकनीक भी गलत हाथों में पड़ सकती है।

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पाकिस्तानी सेना के साथ किसी भी तरह के सैन्य सहयोग या संपर्क से बचने की कड़ी चेतावनी दी है। यह चेतावनी नई दिल्ली में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री व उप-प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्ल्स के बीच हुई महत्वपूर्ण वार्ता के दौरान दी गई। सूत्रों के अनुसार, भारत ने आशंका जताई कि पाकिस्तानी सेना के साथ किसी भी सैन्य सहयोग से ऑस्ट्रेलिया की रक्षा तकनीक चीन के हाथों में पहुंच सकती है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। इस पर मार्ल्स ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया का पाकिस्तान के साथ सैन्य संबंध "बेहद सीमित" और "बहुत छोटा" है।
एक सवाल के जवाब में मार्ल्स ने कहा, "देखिए, पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध बहुत मामूली हैं और हम स्पष्ट रूप से, दुनिया भर में हमारे सभी सहयोगों में लोगों से आतंकवाद के खिलाफ काम करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह करते हैं। लेकिन पाकिस्तान के साथ हमारा जुड़ाव बहुत छोटा है।" दोनों देशों के बीच वार्ता ऐसे समय में हुई है जब ऑस्ट्रेलिया खुद चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति को लेकर चिंतित है, खासकर इस साल फरवरी में तस्मान सागर में हुए लाइव-फायर नौसेना अभ्यास के बाद। ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री मार्ल्स वर्तमान में दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के चार देशों- भारत, मालदीव, श्रीलंका और इंडोनेशिया की यात्रा पर हैं। इस यात्र का उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना है।
पाहलगाम आतंकी हमले की निंदा
दोनों नेताओं ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की। हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी। इसकी जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह "द रेजिस्टेंस फ्रंट" (TRF) ने ली थी।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा में जवाब देने का पूरा अधिकार है। उन्होंने पाकिस्तान की "परमाणु ब्लैकमेलिंग" को खारिज करते हुए भारत की जवाबी कार्रवाई को "संयमित, संतुलित और जिम्मेदार" बताया और भविष्य में किसी भी आतंकी हमले पर "मजबूत और निर्णायक" जवाब की चेतावनी दी।
पाकिस्तान को FATF में फिर से ग्रे-लिस्ट में डालने की तैयारी
भारत ने ऑस्ट्रेलिया से आग्रह किया कि वह द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों- जैसे IMF, वर्ल्ड बैंक, FATF और संयुक्त राष्ट्र पर भारत का समर्थन करे, ताकि पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियों को उजागर किया जा सके। अगले सप्ताह FATF की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें भारत पाकिस्तान को दोबारा ग्रे-लिस्ट में डालने की पैरवी करेगा। गौरतलब है कि इससे पहले भी पाकिस्तान FATF की ग्रे-लिस्ट में रह चुका है। ग्रे-लिस्ट में होने का मतलब है कि निवेशकों को चिंता होती है कि कहीं उनका पैसा आतंकवाद के लिए उपयोग न हो जाए।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद पहली क्वाड नेता की भारत यात्रा
रिचर्ड मार्ल्स, ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद भारत आने वाले पहले क्वाड सदस्य देश के रक्षा मंत्री हैं। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे।
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा सहयोग में नए अध्याय
वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा, रक्षा उद्योग सहयोग, और रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में साझेदारी को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। भारत अब पहली बार ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के नेतृत्व वाले बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास 'Talisman Sabre' में भाग लेगा, जो 13 जुलाई से 4 अगस्त तक आयोजित होगा। इसके अलावा दोनों देशों ने 'टोड ऐरे सोनार' नामक पनडुब्बी पहचान तकनीक परियोजना पर भी समझौता किया। भारत ने ऑस्ट्रेलियाई जहाजों के रख-रखाव के लिए अपनी सेवाएं देने का प्रस्ताव भी रखा है।
प्रशांत क्षेत्र पर भारत की नई भागीदारी
भारत अब ऑस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गिनी के बीच होने वाले 'पुक-पुक' सैन्य अभ्यास में भी पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होगा। यह वार्षिक अभ्यास ऑस्ट्रेलियाई सेना की थर्ड कॉम्बैट इंजीनियर रेजिमेंट और पापुआ न्यू गिनी के इंजीनियर बटालियन के बीच होता है। इसमें यूके और न्यूजीलैंड भी भाग लेते हैं। इसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे के विकास और इंजीनियरिंग कौशल को साझा करना है।
खालिस्तान पर भारत की चिंता
वार्ता में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में बढ़ती खालिस्तानी गतिविधियों पर चिंता जताई। हाल के वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में कई हिंदू मंदिरों की तोड़फोड़ और खालिस्तानी जनमत संग्रह जैसे कार्यक्रम हुए हैं, जिनमें हिंसक झड़पें भी देखने को मिली थीं। ऑस्ट्रेलिया ने ऐसे हिंसक घटनाओं की निंदा की है। अपने भारत दौरे के दौरान मार्ल्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। भारतीय पक्ष की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों देशों ने "स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक" के साझा दृष्टिकोण को दोहराया, जो भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग का प्रमुख आधार बना रहेगा।