जयललिता को दोषी करार देने वाले जज करेंगे बेंगलुरु भगदड़ की जांच; कौन हैं रिटायर्ड जस्टिस कुन्हा
इस बीच, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रघु राम भट और कुछ अन्य पदाधिकारियों ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कराने के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत के मामले में राज्य की सिद्धरमैया सरकार ने जहां बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद समेत कई पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है, वहीं अब मुख्यमंत्री ने इस भगदड़ की न्यायिक जांच के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस जॉन माइकल कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने खुद इसकी जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर दी है।
कौन हैं रिटायर्ड जस्टिस कुन्हा
रिटायर्ड जस्टिस जॉन माइकल कुन्हा 2014 में तब चर्चा में आए थे, जब सांसदों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करने वाले विशेष न्यायाधीश के रूप में उन्होंने तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया था। इसके बाद नवंबर 2016 में उन्हें कर्नाटक हाई कोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया था। नवंबर 2018 में उन्हें फिर वहीं स्थायी जज बनाया गया। 2021 में वह इस पद से रिटायर हो गए।
एसडीएम लॉ कॉलेज से स्नातक करने वाले जॉन माइकल डी’कुन्हा ने 1985 में अपनी वकालत शुरू की थी। बाद में वह बेंगलुरु चले गए और कर्नाटक हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। इसके बाद उन्होंने जज के तौर पर 2002 में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने अपने कार्यकाल में बेल्लारी, धारवाड़, हुबली और बैंगलोर जिलों की अदालतों में काम किया। इसके बाद 2016 में वह हाई कोर्ट चले गए।
11 की मौत, 56 घायल
बता दें कि बेंगलुरु भगदड़ की न्यायिक जांच के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर अब 10 जून को सुनवाई शुरू होनी है। 4 जून को हुए इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 56 लोग घायल हुए हैं। भगदड़ बुधवार शाम को स्टेडियम के सामने हुई, जहां आरसीबी टीम की आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) की जीत के जश्न में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े थे।