No help from police had to wait for 4 hours for FIR family alleges in Bengaluru stampede case पुलिस से नहीं मिली मदद, FIR के लिए 4 घंटे इंतजार करना पड़ा; बेंगलुरु भगदड़ केस में परिवार का आरोप, India News in Hindi - Hindustan
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पुलिस से नहीं मिली मदद, FIR के लिए 4 घंटे इंतजार करना पड़ा; बेंगलुरु भगदड़ केस में परिवार का आरोप

मृतका के पिता शिवकुमार ने उस क्षण को याद किया, जब उनकी बेटी गेट नंबर 15 पर धक्का दिए जाने के बाद गिर गई थी। उन्होंने बताया कि उस समय उनकी पत्नी और एक महिला रिश्तेदार भी मौजूद थीं।

Madan Tiwari पीटीआई, बेंगलुरुThu, 5 June 2025 10:20 PM
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पुलिस से नहीं मिली मदद, FIR के लिए 4 घंटे इंतजार करना पड़ा; बेंगलुरु भगदड़ केस में परिवार का आरोप

'इंडियन प्रीमियर लीग' (आईपीएल) में रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु (आरसीबी) को मिली जीत का जश्न मनाने के लिए बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में जान गंवाने वाली 15 वर्षीय दिव्यांशी के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्हें मामले में एफआईआर दर्ज कराने के लिए चार घंटे तक इंतजार करना पड़ा। बेंगलुरु के येलहंका में, शोकाकुल परिवार के घर रिश्तेदार एकत्र हुए और उसके बाद किशोरी के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।

मृतका के पिता शिवकुमार ने उस क्षण को याद किया, जब उनकी बेटी गेट नंबर 15 पर धक्का दिए जाने के बाद गिर गई थी। उन्होंने बताया कि उस समय उनकी पत्नी और एक महिला रिश्तेदार भी मौजूद थीं। शिवकुमार ने बताया, ''वे (अधिकारी) आए ​​और (बाद में) दौरा किया, लेकिन कोई उचित मदद नहीं दी गई। उन्होंने उपयुक्त प्राथमिक उपचार भी नहीं कराया। मेरी पत्नी ने बताया कि वह मदद की गुहार लगा रही थी। अंत में, पुलिस से सहायता नहीं मिलने पर बेटी को एक ऑटो में ले जाना पड़ा। यहां तक ​​कि प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए भी हमें चार घंटे इंतजार करना पड़ा।''

शिवकुमार ने बताया कि वह बेटी का शव अंतिम संस्कार के लिए आंध्र प्रदेश ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। शिवकुमार ने कहा, ‘‘उन्होंने उचित व्यवस्था क्यों नहीं की? मैसूर पैलेस रोड जाकर देखिए - राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए वे सब इंतजाम करते हैं। इस समारोह के लिए उन्हें उचित योजना बनानी चाहिए थी। वहां खुफिया विभाग के अधिकारी होने चाहिए थे।'' कब्बन पार्क पुलिस थाना के अधिकारियों से जब 'पीटीआई-भाषा' ने संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि भगदड़ की घटना में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है।

इस बीच, भगदड़ में जान गंवाने वाली 28 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर कामाची देवी का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार को अंतिम संस्कार के लिए तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में उनके गृहनगर मयिलाडुम्पराई ले जाया गया। बेंगलुरु में काम करने वाली देवी चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी की आईपीएल जीत का जश्न मनाने गई थीं। वह भीड़ के बीच फंस गईं और उनकी मौत हो गई। देवी के पार्थिव शरीर को मयिलाडुमपराई स्थित विवेकानंद स्कूल ले जाया गया, जहां रिश्तेदार, मित्र और स्थानीय निवासी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए।

बेंगलुरु भगदड़ की एक अन्य पीड़िता 27 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट अक्षता का शव बृहस्पतिवार की दोपहर उत्तर कन्नड़ जिले के सिद्धपुरा स्थित उसके गृहनगर लाया गया। हादसे में बच गए अक्षता के पति आशय ने 'पीटीआई-वीडियो' को बताया, ''मैं एक अवरोधक के नजदीक खड़ा था और वह मेरा हाथ पकड़े खड़ी थी। तभी लोगों ने एक-दूसरे को धक्का देना शुरू कर दिया और कुछ लोग मेरे ऊपर गिर गए और कुछ उसके ऊपर। चूंकि मैं एक कोने में था, इसलिए कुछ लोगों ने मुझे खींचकर किनारे कर दिया लेकिन मेरा हाथ पत्नी के हाथ से छूट गया। मैं काफी देर तक मदद के लिए चिल्लाता रहा।''

आशय ने बताया कि वह अंततः उस अस्पताल में गए जहां उसे ले जाया गया था और उसकी पहचान की। उन्होंने बताया, ''चिकित्सक ने बताया कि अस्पताल लाए जाने से पहले ही भगदड़ वाली जगह पर उसकी मौत हो गई थी।'' दोनों की शादी डेढ़ साल पहले हुई थी। आरसीबी के प्रशंसक होने के कारण उन्होंने आईपीएल की जीत का जश्न रोड शो में हिस्सा लेकर मनाने का फैसला किया था। लेकिन जब उन्हें पता चला कि रोड शो रद्द हो गया है, तो वे चिन्नास्वामी स्टेडियम की ओर चले गए।

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