भारत से युद्ध, पाक आर्मी के लिए जरूरी; शशि थरूर ने अमेरिका में खोली 'मुनीर सेना' की पोल
Shashi Tharoor: शशि थरूर ने कहा कि भारत के लिए युद्ध अनावश्यक है। वहीं दूसरी तरफ पाक आर्मी की पाकिस्तानी समाज में इज्जत और महत्व के लिए भारत के साथ युद्ध जरूरी है। इसलिए पाक आर्मी के जनरल आतंकी हमलों को भड़काते हैं।

Shashi Tharoor: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने और आतंकवाद पर पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए अमेरिका पहुंचे सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तानी सेना को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। थरूर ने पाक सेना को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पाकिस्तानी आर्मी के अस्तित्व और पाकिस्तानी समाज में उनकी सफलता के लिए भारत के साथ उनकी लड़ाई जरूरी है, जबकि भारत के लिए युद्ध जरूरी नहीं है, हमारा ध्यान विकास पर है।
अमेरिका में मीडिया को संबोधित करते हुए थरूर ने कहा, "मुझे लगता है कि इस पहलगाम में हुए इस भयानक आतंकवादी हमले के मुख्य उद्देश्यों में से एक का संकेत पाकिस्तानी आर्मी चीफ के कुछ दिन पहले दिए गए बयान में मिल गया था। इस बयान में उन्होंने अपने कट्टरपंथ का जहर उगलते हुए दावा किया था कि हिंदू और मुसलमान दोनों अलग-अलग हैं। मुस्लिम धर्म के लोग किसी गैर-मुस्लिम देश में नहीं रह सकते।"
थरूर ने कहा, "यह बात बहुत अजीब है क्योंकि हमारे देश भारत में करीब 200 मिलियन मुसलमान रहते हैं, जिनमें से एक हमारे प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी हैं.. इसलिए ऐसी बात करने वाला कोई विफल जनरल.. फील्ड मार्शल बन जाता है तो दिल्ली में इस बात को लेकर काफी मजाक बनता है।"
कांग्रेस सांसद ने पाकिस्तानी आर्मी चीफ को निशाने पर लेते हुए कहा, "पहलगाम आतंकी हमले का तथ्य यह है कि उन्होंने (पाकिस्तानी आर्मी चीफ) ने हमलों को भड़काया है। इस हमले से पहले हम पाकिस्तान को अकेला छोड़कर उनसे किसी प्रकार की बातचीत न करके बहुत खुश थे। हमें पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी प्रकार के कोई युद्ध या ऑपरेशन चलाने की जरूरत नहीं थी। लेकिन जब इन्होंने आतंकी हमला किया.. तो फिर हमने इसका मुंहतोड़ जवाब भी दिया। हालांकि इसके बाद भी हमने इन्हें एक मौका दिया.. कि अगर आप चाहते हैं, तो हम लड़ाई बंद कर सकते हैं.. क्योंकि भारत युद्ध नहीं चाहता है।"
थरूर ने कहा, "भारत के लिए युद्ध एक विकर्षण की तरह है, जबकि पाकिस्तान की सेना के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह पाकिस्तानी समाज में पाकिस्तान की सेना के महत्व को दिखाता है। यह उनकी सफलता की मौलिक भावना के लिए जरूरी है।"