औरंगजेब की कब्र हटाना जरूरी नहीं, मोदी सरकार के मंत्री ने मुसलमानों से की यह अपील
- केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र हटाई जाने के जगह पर वहां छत्रपति संभाजी महाराज का एक बड़ा स्मारक बनाया जाना चाहिए।

हिंदू संगठन छत्रपति संभाजीमहाराज नगर से औरंगजेब की कब्र हटाए जाने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर प्रदर्शनों के बाद ही नागपुर में हिंसा भड़क गई। अब केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को छत्रपति संभाजीनगर से हटाने का कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कब्र हटाना उतना जरूरी नहीं है जितना वहां पर छत्रपति संभाजी महाराज का स्मारक बनाना है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आठवले ने कहा, ‘औरंगजेब की कब्र हटाने से कोई समाधान नहीं निकलेगा। उनकी कब्र मत हटाओ। लेकिन संभाजीनगर में छत्रपति संभाजी राजे का भी एक बड़ा स्मारक होना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि औरंगजेब की कब्र पुरातत्व विभाग के तहत आता है और वह उसकी सुरक्षा में है। आठवले ने कहा कि संभाजी महाराज की विचारधारा को लेकर हमें आगे चलना है लेकिन देश में शांति रहनी चाहिए ।
आठवले की मुसलमानों से अपील
मंत्री ने मुसलमानों से भी औरंगजेब से अपना नाता न जोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, 'मुस्लिम समाज से मेरा निवेदन है कि आप औरंगजेब से अपना नाता मत जोड़िए। यहां के मुस्लिम हिंदू थे। यहां के मुसलमान औरंगजेब की औलाद नहीं हैं। उनके साथ उनका कोई संबंध नहीं है।’ केंद्रीय मंत्री प्रदेश में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा बैठक के लिए देहरादून पहुंचे थे ।
बता दें कि औरंगजेब का शासन 1658 से 1707 ईसवी तक था। औरंगजेब की नीतियां हमेशा से ही विवादों में रही हैं। इसके अलावा पिता और भाई के साथ की गई क्रूरता मानवता के भी खिलाफ है। इतिहास में औरंगजेब के माते पर कई काले धब्बे लगे हुए हैं। वहीं फिल्म छावा की रिलीज के बाद देश में औरंगजेब के खिलाफ और ज्यादा आक्रोश फैल गया है। छत्रपति संभाजीनगर के पास ही खल्दाबाद में औरंगजेब की कब्र बनी है जिसे हटाने की मांग की जा रही है।