एमएसपी से कम कीमत पर फसल की खरीद से निराश किसान डीएम ऑफिस पहुंचा
Hapur News - - किसान की नवीन मंडी में एमएसपी पर नहीं बिकी मूंग तो ट्रेक्टर-ट्राली लेकर डीएम ऑफिस पहुंचा

हापुड़ के गांव कनिया कल्याणपुर का किसान ताराचंद शर्मा शुक्रवार को सरकारी समर्थन मूल्य(एमएसपी) से कम कीमत पर अपनी मूंग की फसल की खरीद से निराश होकर अपनी फसल के साथ डीएम कार्यालय पहुंचा। उसने डीएम से मामले की शिकायत की। जिसपर डीएम ने मंडी सचिव को फोन कर किसान की फसल समर्थन मूल्य पर दिलवाने की मांग की। लेकिन मंडी सचिव के बाद भी आढ़तियों ने फसल लेने से इंकार कर दिया। इसकी सूचना पर भाकियू टिकैत जिला मुख्यालय पहुंची और विरोध प्रदर्शन किया। गांव कनिया कल्याणपुर का किसान ताराचंद शर्मा शुक्रवार को नवीन मंडी में अपनी मूंग की फसल बेचने पहुंचा।
मंडी के आढ़तियों ने सरकारी समर्थन मूल्य(एमएसपी)8768 प्रति कुंतल से कम पर खरीदने की इच्छा जताई। ऐसे में किसान ने निर्धारित मूल्य से कम पर फसल खरीदे जाने से नाराज होकर डीएम कार्यालय पहुंचा। इसकी सूचना पर भाकियू टिकैत युवा के जिलाध्यक्ष ज्ञानेश्वर त्यागी अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। उन्होंने डीएम से शिकायत करते हुए कहा कि सरकार ने मूंग की फसल की एमएसपी 8768 प्रति कुंतल रखी है। लेकिन नवीन मंडी में एमएसपी से कम पर खरीद की जा रही हैं। मूंग के उत्पादन में 24 हजार प्रति एकड़ लागत आ रही है। जबकि इससे कम दाम पर फसल की खरीद हो रही है, ऐसे में किसान कहां जाए। इसपर डीएम ने मंडी सचिव को फोन कर किसान की फसल को समर्थन मूल्य पर बिकवाने के निर्देश दिए। किसान दोबारा मंडी पहुंचा तो मंडी के इंस्पेक्टर किसान के साथ आढ़तियों के पास पहुंचा, लेकिन आढ़तियों ने फसल लेने से इंकार कर दिया। ऐसे में किसान को खाली हाथ ही घर वापस लौटना पड़ा। इसपर किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त हो गया। उन्होंने कहा कि इस बार जनपद में मूंग का अच्छा उत्पादन हुआ, लेकिन मांग के बाद भी मूंग की खरीद के लिए सरकारी सेंटर नहीं खोले गए। इस मौके पर कुलदीप राठी, ललित शर्मा, जुगमेन्द्र चौधरी, आवेश चौधरी, कृष्ण चौधरी, विवेक त्यागी, सचिन चौधरी, मयंक चौधरी, मोंटू चौधरी, मकनपाल, सुखपाल आदि शामिल रहे। ---------------------------------------- प्राइवेट कंपनी पर आलू का एग्रीमेंट कर धोखा करने का आरोप: भाकियू टिकैत ने एक प्राइवेट कंपनी पर आलू के किसानों से धोखा करने का आरोप लगाया। उनका आरोप था कि प्राइवेट कंपनी ने मुरादपुर के किसान के साथ आलू की 12.5 रूपए प्रति किलो खरीद और 36 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से आलू का बीज देने का वादा किया था। किसानों ने फरवरी में अपना आलू कंपनी को दे दिया, लेकिन चार माह में भी किसानों का भुगतान नहीं हुआ है। जिससे किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे है।
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