WTC फाइनल में ऐसा होते ही पलट जाएगी बाजी... हार की दहलीज पर खड़ी ऑस्ट्रेलियाई टीम का बड़ा दावा
दक्षिण अफ्रीका की टीम आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में हावी है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के कोच डेनियल विटोरी ने एक बड़ा दावा कर डाला है।

लॉर्ड्स में जारी आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में ऑस्ट्रेलियाई टीम हार की दहलीज पर खड़ी है। दक्षिण अफ्रीका को मुकाबले के चौथे दिन यानी शनिवार को जीत के लिए महज 69 रनों की जरूरत है और उसके 8 विकेट बचे हैं। दक्षिण अफ्रीका को 282 रनों का लक्ष्य मिला है। दक्षिण अफ्रीका को 'चोकर्स' के तमगे को पीछे छोड़ने के लिए एडेन मार्करम (नाबाद 102) और कप्तान टेम्बा बावुमा (नाबाद 65) से काफी उम्मीदें होंगी। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 143 रनों की अटूट साझेदारी हो चुकी है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के असिस्टेंट कोच डेनियल विटोरी ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि अगर एक विकेट और गिर गया तो फाइनल में बाजी पलट सकती है।
तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद न्यूजीलैंड के पूर्व दिग्गज स्पिनर विटोरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दबाव को स्वीकार किया लेकिन चौथे दिन शुरुआती सफलता के साथ अपनी गेंदबाजी यूनिट को चुनौती का सामना करने के लिए प्रोत्साहित किया। कोच ने कहा, “मुझे लगता है कि हम खुद से आगे निकलने की कोई इच्छा नहीं रखेंगे। मुझे लगता है कि यह एक विकेट का मामला है। यही स्टार्टिंग पॉइंट है। क्योंकि दोनों (मार्करम-बावुमा) इतने नियंत्रण में हैं, अगर हम क्रीज पर एक नया बल्लेबाज ला सकते हैं तो यही इसकी शुरुआत है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि आठ विकेट कैसे लिए जाएं, इस बारे में कोई सोच-विचार होगा। यह केवल एक विकेट लेने और उसके बाद क्या हो सकता है, यह देखने के बारे में होगा।”
दक्षिण अफ्रीका ने फाइनल में शुक्रवार को तीसरे दिन के समापन पर दो विकेट पर 213 रन बनाकर अपनी स्थिति मजबूत की। ऑस्ट्रेलिया के चारों मुख्य गेंदबाजों के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1500 से ज्यादा विकेट है लेकिन मिचेल स्टार्क (53 रन पर दो विकेट) के अलावा किसी को भी सफलता नहीं मिली। इस मैच के शुरुआती दो दिन 14-14 विकेट गिरे थे लेकिन तीसरे दिन परिस्थितियों बल्लेबाजी के लिए आसान हो गई जिसका दक्षिण अफ्रीका ने पूरा फायदा उठाया। दिन का खेल खत्म होते-होते मैच का रुख पूरी तरह से दक्षिण अफ्रीका की तरफ मुड़ गया लेकिन दिन के शुरुआती सत्र के बाद ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी था।