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यूनिवर्सिटी कैंपस में BF के सामने छात्रा का यौन उत्पीड़न, बिरयानी दुकानदार को कोर्ट ने पाया दोषी

वह विश्वविद्यालय परिसर में घुस गया। उसने एक महिला छात्रा का यौन उत्पीड़न किया और उसके पुरुष मित्र पर हमला किया। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने घटना का वीडियो बनाकर दोनों को ब्लैकमेल भी किया।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तान, चेन्नईWed, 28 May 2025 12:55 PM
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यूनिवर्सिटी कैंपस में BF के सामने छात्रा का यौन उत्पीड़न, बिरयानी दुकानदार को कोर्ट ने पाया दोषी

अन्ना यूनिवर्सिटी में दो साल पहले दिसंबर में हुई सनसनीखेज यौन उत्पीड़न की घटना में चेन्नई की महिला अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया है। आरोपी ज्ञानेशकरण को सभी 11 आरोपों में दोषी करार दिया है। अदालत ने कहा कि दस्तावेजी और फॉरेंसिक सबूतों के आधार पर सभी आरोप साबित हो चुके हैं। आपको बता दें कि घटना 23 दिसंबर 2023 की रात करीब 8 बजे की है।

कोट्टूर निवासी ज्ञानेशकरण अन्ना यूनिवर्सिटी परिसर के पास बिरयानी स्टॉल चलाता था। वह विश्वविद्यालय परिसर में घुस गया। उसने एक महिला छात्रा का यौन उत्पीड़न किया और उसके पुरुष मित्र पर हमला किया। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने घटना का वीडियो बनाकर दोनों को ब्लैकमेल भी किया। इसके बाद ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

ज्ञानेशकरण की गिरफ्तारी के बाद उसकी कुछ तस्वीरें द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नेताओं के साथ वायरल हुईं, जिससे बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि ज्ञानेशकरण DMK छात्र विंग का पदाधिकारी था और पार्टी के नेताओं के साथ उसके कई फोटो सोशल मीडिया पर साझा किए। हालांकि, तमिलनाडु के कानून मंत्री एस. रेगुपति ने इन दावों का खंडन किया और कहा कि ज्ञानेशकरण DMK का कोई पदाधिकारी नहीं है।

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने विधानसभा में स्पष्टीकरण देते हुए कहा, “मैं विश्वास दिलाता हूं कि गिरफ्तार व्यक्ति DMK का सदस्य नहीं है। हां, वह पार्टी का सहानुभूति रखने वाला हो सकता है, लेकिन पदाधिकारी नहीं।”

ज्ञानेशकरण ने गिरफ्तारी के बाद एक याचिका दाखिल कर रिहाई की मांग की थी। उसने दावा किया कि उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं और उसे केवल संदेह के आधार पर फंसाया गया है। तमिलनाडु पुलिस ने इसका कड़ा विरोध किया और मद्रास हाईकोर्ट के निर्देश पर एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया गया। SIT ने महिला अदालत में चार्जशीट दायर की, जिसके आधार पर अदालत ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), BNSS, आईटी एक्ट और तमिलनाडु महिला उत्पीड़न निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए।

2 जून को होगी सजा पर सुनवाई

दोषी ठहराए जाने के बाद अब ज्ञानेशकरण ने दंड में राहत की मांग की है। उसने कहा है कि उसकी मां की तबीयत खराब है और वह उनका एकमात्र सहारा है। महिला अदालत अब इस मामले में 2 जून को सजा की घोषणा करेगी।

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