विध्वंसक राइफल से लेकर ग्रेनेड लॉन्चर तक, ऑपरेशन सिंदूर में किन घातक हथियारों का इस्तेमाल
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से शुरू किया गया सैन्य अभियान था, जो 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में था। इस हमले में 26 नागरिक (25 भारतीय और एक नेपाली) मारे गए थे।

सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमापार पाकिस्तानी चौकियों को ध्वस्त करने के लिए किन घातक हथियारों का इस्तेमाल किया, मंगलवार को उनका प्रदर्शन किया। बीएसएफ ने इस ऑपरेशन में विध्वंसक एंटी-मटेरियल राइफल, ऑटोमैटिक ग्रेनेड लॉन्चर सिस्टम, 12.7 मिमी एंटी-एयरक्राफ्ट गन और मीडियम मशीन गन जैसे हथियार यूज किए। BSF के एक जवान ने बताया, 'यह विध्वंसक एंटी-मटेरियल राइफल है, जिसकी मारक क्षमता 1300 से 1800 मीटर तक है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस हथियार ने दुश्मन के टावरों और बंकरों को नष्ट कर दिया।'
बीएसएफ ने ऑटोमैटिक ग्रेनेड लॉन्चर सिस्टम का भी प्रदर्शन किया। एक जवान ने बताया, 'यह सिस्टम ऑपरेशन सिंदूर में बहुत प्रभावी साबित हुआ। इसने पाकिस्तानी चौकियों, ठिकानों और उनके बुलेटप्रूफ वाहनों को नष्ट कर दिया। इसकी रेंज 1700-2100 मीटर है और इसका ग्रेनेड 10 मीटर के क्षेत्र में घातक प्रभाव डालता है।' बीएसएफ ने 12.7 मिमी एंटी-एयरक्राफ्ट गन का उपयोग पाकिस्तान की ओर से आने वाले ड्रोनों को मार गिराने के लिए किया। एक जवान ने बताया, 'इस गन ने दुश्मन के टैंक, कैंप और ड्रोन नष्ट किए। ऑपरेशन सिंदूर में हमने दुश्मन की चौकियों को तबाह कर उनकी सीमा चौकियों को खाली करने पर मजबूर कर दिया।'
मीडियम मशीन गन ने भी किया कमाल
मीडियम मशीन गन ने भी पाकिस्तानी बंकरों को नेस्तनाबूद किया। एक जवान ने कहा, 'इस गन से हमने पाकिस्तानी चौकियों और ड्रोनों को नष्ट किया। यह प्रति मिनट 600-1000 राउंड फायर कर सकती है।' इस तरह ऑपरेशन सिंदूर में बीएसएफ ने अपनी रणनीति, हथियारों की ताकत और जवानों के जोश के दम पर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया।
असिस्टेंट कमांडेंट नेहा भंडारी ने क्या बताया
बीएसएफ की असिस्टेंट कमांडेंट नेहा भंडारी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक फॉरवर्ड पोस्ट की कमान संभाली थी। उन्होंने कहा, 'हमारा जोश बहुत ऊंचा था। हमारी जिम्मेदारी थी कि किसी भी घुसपैठ को रोका जाए, पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जाए और अंतरराष्ट्रीय सीमा को सुरक्षित रखा जाए। हमने अपने घातक हथियारों से दुश्मन पर हमला किया। इस ऑपरेशन में महिला और पुरुष बीएसएफ जवानों ने एकसाथ कंधे से कंधा मिलाकर कर्तव्य निभाया।' बीएसएफ जवान शंकरी दास ऑपरेशन के दौरान फॉरवर्ड पोस्ट पर तैनात थे। उन्होंने कहा, 'हमने अपनी महिलाओं के 'सिंदूर' को मिटाने की कोशिश करने वाले पाकिस्तान से बदला लिया है।'