China may again become shield of Pahalgam culprits reason behind the delay in UN action पहलगाम के गुनहगारों की फिर ढाल बन गया चीन,यूएन के एक्शन में देरी के पीछे क्या है वजह?, India News in Hindi - Hindustan
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पहलगाम के गुनहगारों की फिर ढाल बन गया चीन,यूएन के एक्शन में देरी के पीछे क्या है वजह?

भारत ने यूएन में टीआरएफ के खिलाफ पुख्ता सबूत रखे हैं। इसके बाद भी यूएनएससी में आतंकी संगठन के खिलाफ एक्शन में देर हो रही है। चीन हर बार आतंकियों को बचाने के लिए वीटो पावर का इस्तेमाल करता है।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानMon, 26 May 2025 08:32 AM
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पहलगाम के गुनहगारों की फिर ढाल बन गया चीन,यूएन के एक्शन में देरी के पीछे क्या है वजह?

पाकिस्तान में पलने वाले और आए दिन भारत के खिलाफ साजिश करने वाले आतंकी समूहों को यूएन में आतंकी संगठन का टैग मिलना भी मुश्किल हो जाता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के नाते चीन हर बार अड़ंगा लगाता है और लश्कर-जैश जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों को बचा लेता है। इस बार भी पहलगाम में मासूमों की जान लेने वाले लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को आतंकी संगठनों की सूची में शामिल करने के लिए अपने प्रयास में कसर नहीं छोड़ी।

भारत के प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति को टीआरएफ के खिलाफ पुख्ता सबूत सौंपे हैं। 1267 नाम की इस समिति का गठन 1999 में किया गया था। इसका काम आतंकियों की संपत्तियों को प्रीज करना और संगठन पर प्रतिबंध लगाना है। एनेआईए ने जो डोजियर तैयार किया है उसमें 26/11 का आतंकी हमला, पुलवामा आतंकी मला. 2016 का पठानकोट हमला और 2001 का संसद पर होने वाला हमला भी शामिल है।

दोगली नीति अपनाता है चीन

चीन पड़ोसी पाकिस्तान का सदाबहार दोस्त है और वह आतंक के मामले में भी पाकिस्तान का ही साथ देता दिखाई देता है। ऊपर से भले ही वह आतंकियों की निंदा करने का दिखावा करता हो लेकिन जब बात आती है यूएन में आतंकी संगठनों की लिस्ट में शामिल करने की तो वह अड़ंगा लगा देता है। पहलगाम के हमले के बाद भी चीन के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से बात करके उनका समर्थन जताया था।

वीटो लगाकार आतंकियों को बचाता है चीन

चीन ने मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल और अलकायदा प्रतिबंधित सूची में शामिल करने का विरोध किया था। अमेरिका ने रऊफ पर 2010 में ही प्रतिबंध लगा दिया था। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद वह आतंकियों के जनाजे में फतीहा पढ़ता नजर आया था। उसके साथ पाकिस्तानी सेना के कई अफसर भी मौजूद थे।

इसके अलावा लश्कर के प्रमुख और मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद को आतंकी घोषित करने को लेकर भी चीन विरोध कर चुका है। उसने भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को वीटो लगाकर रोक दिया था। भारत की सरकार ने तल्हा सईद को आतंकी घोषित किया है। चीन यह भी नहीं चाहता है कि भारत यूएनएससी का स्थायी सदस्य बने। चीन के ही विरोध की वजह से भारत यूएनएससी का स्थायी सदस्य नहीं बन पा रहा है।

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