खोदा पहाड़, निकली.. जनगणना अधिसूचना पर कांग्रेस का तंज, जाति की बात पर सरकार को घेरा
जनगणना को लेकर जारी की गई अधिसूचना को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस की तरफ से अधिसूचना को खोदा पहाड़ निकली चुहिया की तरह बताया है।

जनगणना की अधिसूचना को लेकर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि जनगणना को लेकर जो अधिसूचना जारी कि गई है वह खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसी है। इसमें जाति जनगणना को लेकर भी कोई उल्लेख नहीं किया गया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 16वीं जनगणना में तेलंगाना मॉडल अपनाते हुए, केवल जातियों की गिनती ही नहीं बल्कि जातिवार सामाजिक और आर्थिक स्थिति से जुड़ी विस्तृत जानकारी भी जुटाई जानी चाहिए।
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर किए पोस्ट में लिखा, "लंबे इंतजार के बाद बहुप्रचारित 16वीं जनगणना की अधिसूचना आखिरकार जारी हो गई है। लेकिन यह कदम खोदा पहाड़ और निकली चुहिया जैसी है क्योंकि इसमें 30 अप्रैल 2025 को पहले से घोषित बातों को ही दोहराया गया है।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि असलियत यह है कि कांग्रेस की लगातार मांग और दबाव के चलते ही प्रधानमंत्री को जातिगत गणना के साथ जनगणना कराने के मसले पर झुकना पड़ा।उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने इसी मांग को लेकर कांग्रेस नेताओं को “अर्बन नक्सल” तक कह दिया था। संसद हो या उच्चतम न्यायालय, मोदी सरकार ने जातिगत गणना के साथ जनगणना कराने के विचार को सिरे से खारिज कर दिया था। अब से ठीक 47 दिन पहले, सरकार ने खुद इसकी घोषणा की।"
क्या पीएम ने फिर से लिया यू-टर्न? - जयराम रमेश
प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कांग्रेस नेता ने दावा किया कि आज जो अधिसूचना जारी हुई है उसमें कहीं भी जाति जनगणना का जिक्र नहीं है। ऐसे में क्या यह फिर से पीएम द्वारा अपनाया गया एक यू-टर्न है। क्योंकि अब पीएम मोदी यू-टर्न के लिए अपनी पहचान बना चुके हैं।.. क्या यह वही है या फिर आगे इसके बारे में जानकारी दी जाएगी?
कांग्रेस नेता ने कहा, "कांग्रेस का स्पष्ट मत है कि 16वीं जनगणना में तेलंगाना मॉडल अपनाया जाए। यानी सिर्फ जातियों की गिनती ही नहीं बल्कि जातिवार सामाजिक और आर्थिक स्थिति से जुड़ी विस्तृत जानकारी भी जुटाई जानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना के जातिगत सर्वेक्षण में 56 सवाल पूछे गए थे। अब सवाल यह है कि 56 इंच की छाती का दावा करने वाले ‘नॉन बायोलॉजिकल’ व्यक्ति में क्या इतनी समझ और साहस है कि वह 16वीं जनगणना में भी 56 सवाल पूछने की हिम्मत दिखा सकें?’’
आपको बता दें, सरकार ने सोमवार को वर्ष 2027 में जातिगत गणना के साथ भारत की 16वीं जनगणना कराने के लिए अधिसूचना जारी की। पिछली बार ऐसी जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी।अधिसूचना में कहा गया है कि लद्दाख जैसे बर्फीले क्षेत्रों में जनगणना एक अक्टूबर 2026 से तथा देश के बाकी हिस्सों में एक मार्च 2027 से की जाएगी।