चुनाव आयोग ने 20 साल पुरानी समस्या का निकाला हल, डुप्लीकेट वोटर कार्ड नंबर पर बड़ा फैसला
आयोग ने देशभर के 99 करोड़ से अधिक मतदाताओं के डेटाबेस की जांच की और पाया कि यह समस्या चार मतदान केंद्रों में से औसतन एक में थी। प्रभावित मतदाताओं को नए ईपीआईसी नंबर के साथ कार्ड जारी किए गए हैं।

निर्वाचन आयोग ने समान नंबर वाले मतदाता पहचान-पत्रों के मुद्दे का समाधान निकाल लिया है। ऐसे कार्ड धारकों को नए नंबर वाले नए मतदाता पहचान-पत्र जारी किए गए हैं। सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि 20 साल पुरानी समस्या का हल निकाल लिया गया है। उन्होंने कहा कि समान मतदाता फोटो पहचान पत्र या ईपीआईसी संख्या के मामले अत्यंत कम थे जो चार मतदान केंद्रों में औसतन करीब एक हैं। सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र स्तरीय सत्यापन के दौरान पाया गया कि समान ईपीआईसी संख्या वाले लोग अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों और अलग-अलग मतदान केंद्रों के वास्तविक मतदाता थे।
तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों के बीच, निर्वाचन आयोग ने मार्च में कहा था कि वह अगले तीन महीनों में दशकों पुराने मामले का समाधान करेगा। उन्होंने बताया कि लंबे समय से लंबित इस मुद्दे के समाधान के लिए सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से संपर्क किया गया। साथ ही, पूरे देश के सभी 4123 विधानसभा क्षेत्रों के सभी 10.50 लाख मतदान केंद्रों के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों की ओर से 99 करोड़ से अधिक मतदाताओं के संपूर्ण चुनावी डेटाबेस की पड़ताल की गई। औसतन प्रत्येक मतदान केंद्र पर लगभग 1,000 मतदाता होते हैं।
टीएमसी के 10 नेताओं को मिली बड़ी राहत
दूसरी ओर, दिल्ली की एक अदालत ने डेरेक ओ ब्रायन, सागरिका घोष और साकेत गोखले समेत तृणमूल कांग्रेस के 10 नेताओं को मंगलवार को जमानत दे दी। पिछले साल अप्रैल में निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद निर्वाचन आयोग के कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने के मामले में यह फैसला आया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने तृणमूल नेताओं शांतनु सेन, डोला सेन, नदीमुल हक, विवेक गुप्ता, अर्पिता घोष, अबीर रंजन विश्वास और सुदीप राहा की जमानत याचिका स्वीकार कर ली। तृणमूल के 9 नेता अदालत के समक्ष स्वयं उपस्थित हुए। विवेक गुप्ता वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुए। अदालत ने उन पांच नेताओं को 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी जो वर्तमान सांसद हैं। शेष को 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर राहत दी गई।