पाकिस्तान की हिमाकत पर भारत का जवाब, पहलगाम हमले के बाद लिए यह 7 बड़े फैसले
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। मंगलवार को हुए हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ अब तक सात बड़े फैसले लिए हैं। भारत की इस डिप्लोमैटिक स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की तरफ से भी बयान दिया गया है।

पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा किए गए पहलगाम हमले में पर्यटकों की मौत के बाद पूरे देश में उबाल है। देश के सभी नागरिक इस हिमाकत के लिए पाकिस्तान को सजा देने की मांग कर रहे हैं। भारत सरकार भी देश के इस गुस्से को समझ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को बिहार की एक रैली में पूरे विश्व संबोधित करते हुए कहा कि भारत आतंकवादियों को बख्शेगा नहीं।
भारत सरकार ने हमले के बाद से पाकिस्तान के ऊपर डिप्लोमैटिक स्ट्राइक करना शुरू कर दिया है। हमले के एक दिन बाद हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच जवाबी कदम उठाने का निर्णय लिया। इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षा बलों को कड़ी सतर्कता बरतने का भी निर्देश दिया।
आइए जानते हैं उन सात फैसलों के बारे में जो भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए हैं।
- बुधवार को भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। सरकार की तरफ से कहा गया कि यह तब तक निलंबित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता। आपको बता दें यह संधि 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता के कारण संपन्न हुई थी। इस संधि में पाकिस्तान को ज्यादा फायदा था।
2. भारत सरकार ने दूसरे कदम के तौर पर अटारी बॉर्डर को बंद करने का फैसला किया है। इस कदम में उन लोगों को छूट दी गई है जो वीजा लेकर सीमा पार गए हैं। उन्हें 1 मई तक वापस आने की छूट दी गई है।
3. तीसरे कदम के तौर पर भारत सरकार ने पाकिस्तान को सार्क वीजा छूट योजना का लाभ देने से इनकार कर दिया है। इसके तहत अब पाकिस्तानी नागरिकों को भारत आने की अनुमति नहीं होगी, जिन पाकिस्तानी नागरिकों को पहले से यह वीजा जारी किए जा चुके थे उनका भी वीजा रद्द करके 48 घंटे के भीतर भारत से चले जाने के लिए कह दिया गया है।
4. भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य और नौसेना के सलाहकारों को भी देश से निकल जाने को कह दिया है। इन्हें देश छोड़ने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है। इसके साथ ही भारत सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह अपने सलाहकारों को भी पाकिस्तान से वापस बुलाएगा।
5. भारत की तरफ से पाकिस्तान उच्चायोग में सदस्यों की संख्या को भी कम करने का आदेश दे दिया गया है। भारत सरकार ने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग में सदस्यों की संख्या केवल 30 रखी जाएगी। वर्तमान में यह संख्या 55 थी। आपको बता दें कि कनाडा के साथ संबंधों में तनाव के बीच भी भारत ने ऐसा ही कदम उठाया था।
6. सरकार की तरफ से कहा गया कि पाकिस्तानी नागरिकों को किसी भी प्रकार का वीजा नहीं दिया जाएगा। हालांकि जो लोग भारत में हैं उन्हें 27 अप्रैल तक देश छोड़ना होगा। हालांकि मेडीकल वीजा पर भारत आकर इलाज करा रहे पाकिस्तानियों को 29 अप्रैल तक भारत में रहने की मोहलत दी गई है।
7. भारतीय सीमा सुरक्षा बल ने अटारी, हुसैनीवाला और पंजाब के सादकी में रिट्रीट सेरेमनी के दौरान होने वाली प्रदर्शनी को कम करने का फैसला लिया है। सुरक्षा बलों की तरफ से फैसला लिया गया कि अब भारतीय गार्ड कमांडर पाकिस्तानी गार्ड कमांडर से प्रतीकात्मक रूप से हाथ नहीं मिलाएगा। इतना ही नहीं समारोह के दौरान गेट भी बंद रहेंगे। बीएसएफ की तरफ से कहा गया कि हमारा यह कदम सीमा पार से जारी आतंकवाद पर हमारी चिंता को दर्शाता है और यह इस बात को दिखाता है कि शांति और उकसावे दोनों एक साथ नहीं रह सकते।
भारत के इन कदमों के खिलाफ पाकिस्तान की तरफ से भी कुछ कदम उठाए गए हैं। उनमें मुख्य रूप से वाघा बॉर्डर को बंद करना, भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस को बंद करना और किसी तीसरे देश के जरिए भी भारतीय सामान का व्यापार न करना शामिल हैं।