KIIT के एक और छात्र की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत, नेपाली छात्रा मामले पर कटा था भारी बवाल
- पुलिस ने फिलहाल अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज किया है। सीसीटीवी फुटेज, हॉस्टल के साथियों के बयान और कॉल रिकॉर्ड्स की जांच की जा रही है। पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

ओडिशा में कलिंग इन्स्टिट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नॉलॉजी (KIIT) यूनिवर्सिटी के एक और छात्र का शव मिला है। इसकी पहचान अर्णव मुखर्जी के तौर पर हुई, जो बीटेक का थर्ड ईयर स्टूडेंट था। मंगलवार को भुवनेश्वर के मानचेस्वर इलाके में एक अधूरी इमारत से रहस्यमय परिस्थितियों में डेडबॉडी मिली। मालूम हो कि यह संस्थान में 2 महीने के भीतर दूसरी संदिग्ध मौत है। अर्णव मुखर्जी पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले का रहने वाला था जो यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहता था। वह अपने हॉस्टल से दूर मानचेस्वर कैसे पहुंचा, यह पुलिस की जांच का विषय है। स्थानीय लोगों की नजर जब शव पर पड़ी तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद डेडबॉडी को कैपिटल हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।
पुलिस ने फिलहाल अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज किया है। सीसीटीवी फुटेज, हॉस्टल के साथियों के बयान और कॉल रिकॉर्ड्स की जांच की जा रही है। पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। यह घटना तब सामने आई है जब हाल ही में एक नेपाली स्टूडेंट की मौत हुई थी। इसके बाद से ही KIIT यूनिवर्सिटी विवादों में घिरी हुई है। विश्वविद्यालय में 16 फरवरी को एक छात्रा का शव छात्रावास के कमरे में लटका मिला था। इसके बाद विरोध प्रदर्शन करने वाले नेपाल के छात्रों पर हमला किया गया था और उन्हें जबरन बाहर निकाल दिया गया था। इस घटना से देश भर में आक्रोश फैल गया था और नेपाल के प्रधानमंत्री ने भी मामले में हस्तक्षेप किया था।
नेपाली छात्रा की मौत को लेकर चल रही जांच
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नेपाली छात्रा की कथित आत्महत्या के मामले में अधिकारियों की घोर लापरवाही बताई। ओडिशा सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और एनएएसी से चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई है। एनएचआरसी ने नेपाली छात्रा प्रकृति लमसाल की मौत के मामले की जांच करने के लिए एक दल भेजा था। एनएचआरसी ने 27 मार्च को मामले की स्थिति रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर अपलोड की। इसमें कहा गया कि मानवाधिकार आयोग ने ओडिशा के मुख्य सचिव, खुर्दा के कलेक्टर व जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस आयुक्त और यूजीसी एवं एनएएसी के अध्यक्षों से रिपोर्ट मांगी है। एनएचआरसी टीम ने पाया कि मृतका ने 16 फरवरी, 2025 को यह चरम कदम उठाने से महीनों पहले 12 मार्च, 2024 को केआईआईटी के आईआरओ में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने इंजीनियरिंग के एक छात्र का नाम लिया है जिसने कथित तौर पर उसे ब्लैकमेल किया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)