Meghalaya CM Conrad Sangma rebukes Biren Singh for dragging PA Sangma into Manipur crisis मणिपुर संकट को लेकर पिता का नाम घसीटने पर भड़के सीएम बेटे, बीरेन सिंह को खूब सुनाया, India Hindi News - Hindustan
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मणिपुर संकट को लेकर पिता का नाम घसीटने पर भड़के सीएम बेटे, बीरेन सिंह को खूब सुनाया

  • कॉनराड संगमा ने लिखा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीरेन सिंह ने स्वर्गीय पीए संगमा जी का नाम घसीटा। संगमा जी ने हमेशा पूर्वोत्तर के लोगों के लिए संघर्ष किया। वे पूर्वोत्तर के लोगों के मुद्दों और अधिकारों के मजबूत पैरोकार रहे।’

Niteesh Kumar हिन्दुस्तान टाइम्स, डेविड लैटफ्लैंगTue, 1 April 2025 06:43 PM
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मणिपुर संकट को लेकर पिता का नाम घसीटने पर भड़के सीएम बेटे, बीरेन सिंह को खूब सुनाया

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने पूर्व मणिपुर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर निशाना साधा है। पूर्व सीएम की ओर से उनके दिवंगत पिता पीए संगमा के बारे में किए गए बयानों पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी। संगमा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि मणिपुर संकट पर राजनीतिक बहस में सीनियर नेता के नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है। दरअसल, बीरेन सिंह ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट किया था। इसका जवाब देते हुए कॉनराड संगमा ने लिखा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीरेन सिंह ने स्वर्गीय पीए संगमा जी का नाम घसीटा। संगमा जी ने हमेशा पूर्वोत्तर के लोगों के लिए संघर्ष किया। वे पूर्वोत्तर के लोगों के मुद्दों और अधिकारों के मजबूत पैरोकार रहे। इस समय सभी का प्रयास मणिपुर में शांति और सद्भाव बहाल करने की दिशा में होना चाहिए, न कि राजनीतिक दिखावे का।'

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कॉनराड संगमा ने एकता की अपील करते हुए कहा कि सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है और यही पीए संगमा जी की इच्छा थी। बीरेन सिंह ने अपने पोस्ट में आरोप लगाया था कि पीए संगमा ने पूर्वोत्तर को जातीय आधार पर छोटे राज्यों में बांटने का खतरनाक विचार रखा था। उन्होंने दावा किया कि अब मणिपुर के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर राज्य को अस्थिर करने की कोशिश हो रही है। मणिपुर में चल रहे संकट को वह बाहरी ताकतों से जोड़ते नजर आए। उन्होंने कहा कि यह हिंसा अपने आप नहीं, बल्कि उन लोगों की ओर से भड़काई गई है जो सुरक्षित माहौल में हुए विकास से असुरक्षित महसूस करते हैं।

लगातार बढ़ता जा रहा राजनीतिक तनाव

एन. बीरेन सिंह ने इनर लाइन परमिट (ILP) और फ्री मूवमेंट रिजीम (FMR) के सख्त नियमों जैसे उपायों का भी जिक्र किया, जो मणिपुर की सीमाओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए थे। दरअसल, यह टकराव मणिपुर में नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) और भाजपा के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव को दिखाता है। 17 नवंबर, 2024 को कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली NPP ने मणिपुर में भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिसका कारण बीरेन सिंह सरकार की ओर से लंबे समय से चल रहे जातीय संघर्ष में सामान्य स्थिति बहाल करने में विफलता बताई गई। हालांकि, इससे भाजपा सरकार नहीं डगमगाई क्योंकि उसे 37 विधायकों के साथ ही नागा पीपल्स फ्रंट (NPF) और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। बता दें कि मणिपुर में 23 महीनों से अधिक समय से जातीय हिंसा चल रहा है। इस बीच, 9 फरवरी 2025 को बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।