रोग निवारण में योग की महत्ता को बताया
Meerut News - चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के योग विज्ञान विभाग में शनिवार को “रोग निवारण में योग: वैज्ञानिक शोध” विषय पर आधारित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आ

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के योग विज्ञान विभाग में शनिवार को “रोग निवारण में योग: वैज्ञानिक शोध” विषय पर आधारित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन उत्तर प्रदेश राजभवन के निर्देशों पर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की परिकल्पना के अनुरूप किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ, जिसमें कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला, प्रो. बीरपाल सिंह, प्रो. नीलू जैन गुप्ता, प्रो. कृष्णकांत शर्मा, प्रो. राकेश शर्मा, प्रो. वैशाली पाटील, डॉ. धर्मेन्द्र कुमार व अभियंता मनीष मिश्रा ने सहभागिता की। इसी क्रम में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में 100 से अधिक प्रतिभागियों का शरीर वसा प्रतिशत, मांसपेशी प्रतिशत, बीएमआई, शरीर की आयु, आराम चयापचय, हीमोग्लोबिन, रक्तचाप, रक्त शर्करा, कोलेस्ट्रॉल आदि की वैज्ञानिक जांच की गई।
मौके पर कुलपति ने भी स्वयं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया और कहा कि योग केवल 21 जून तक सीमित नहीं, बल्कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में यह प्रतिदिन प्रातः 6 से 7 बजे तक नित्य निःशुल्क योगशाला के माध्यम से संचालित हो रहा है। यह देखना अत्यंत सुखद है कि हमारे छात्र, शोधार्थी और शिक्षक वर्ग नियमित योग कर लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने आगामी 15 जून से 21 जून तक चलने वाले योग शिविर में अधिक से अधिक सहभागिता की अपील की। मौके पर साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद की अध्यक्ष प्रो. नीलू जैन गुप्ता ने भी अपेन विचार रखे। इस शिविर को सफल बनाने में डॉ. साम्य अनित कुमार, शुभम कुमार शर्मा, वैष्णवी भारद्वाज, शौन भारद्वाज, सुरजमणि त्रिपाठी, रमा रत्न, अंशिका सिंह और अक्षत का महत्वपूर्ण योगदान रहा। “योग सेतु सीमाओं से परे जुड़ना” ने दिया वैश्विक एकता का संदेश चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा एक ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय योग कार्यक्रम “योग सेतुः कनेक्टिंग बियॉन्ड बॉर्डर्स” का भव्य आयोजन ऑनलाइन माध्यम से विश्वविद्यालय के अटल सभागार से किया गया। भारतीय समयानुसार प्रातः 9:00 बजे आरंभ हुए इस आयोजन में 16 से अधिक देशों के प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की, जिनमें प्रमुख रूप से भारत, जापान, मलेशिया, वियतनाम, भूटान, केन्या, श्रीलंका, फिलीपींस, बांग्लादेश, मेक्सिको आदि देश सम्मिलित रहे। कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने की। इस कार्यक्रम का सफल संयोजन विश्वविद्यालय के शिक्षाविदों द्वारा किया गया। प्रमुख संयोजकों में प्रो. बीरपाल सिंह, प्रो. नीलू जैन गुप्ता, प्रो. कृष्णकांत शर्मा एवं प्रो. राकेश कुमार शर्मा सम्मिलित रहे। अंतर्राष्ट्रीय समन्वय की भूमिका में आरती देवी (शिबौरा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, टोक्यो, जापान) और लविस्ता त्यागी (सैतामा यूनिवर्सिटी, जापान) रहीं, जिन्होंने विभिन्न देशों के योग प्रेमियों को एक मंच पर लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि इसमें आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित 45 मिनट के सामान्य योग प्रोटोकॉल का पूर्ण रूप से पालन किया गया। ध्यान एवं संकल्प शांति मंत्र का सामूहिक उच्चारण योग सत्र का सफल निर्देशन एवं प्रस्तुति योग प्रशिक्षकों डॉ. कमल शर्मा, सत्यम कुमार सिंह एवं साक्षी मावी द्वारा किया गया। इन प्रशिक्षकों ने योग के विविध अभ्यासों को सहज एवं सरल ढंग से प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया, जिससे सभी सहभागियों को एक सम्पूर्ण योगानुभव प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न देशों के प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए।
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