मोहम्मद साहब के खिलाफ जाकर आप हिंदुओं को रोकेंगे? वक्फ बिल पर निशिकांत दुबे की क्या दलील
- झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इमरान मसूद के उस बयान पर आपत्ति जताई कि वक्फ में गैर मुसलमानों की एंट्री क्यों? दुबे ने कहा कि आप मोहम्मद साहब के खिलाफ जाकर हिंदुओं को रोकेंगे?

लोकसभा में वक्फ बिल को लेकर जोरदार बहस चली। सरकार ने जहां इसे पारदर्शिता और न्यायसंगत व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम बताया, वहीं विपक्ष ने इस पर कई गंभीर सवाल खड़े किए। गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा के दौरान बिल का समर्थन करते हुए इसे ऐतिहासिक सुधार करार दिया, जबकि विपक्षी दलों ने इसे विवादित और भेदभावपूर्ण बताते हुए तीखी आपत्ति जताई। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वक्फ में गैर मुसलमानों को शामिल किए जाने पर कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब के सिद्धांत के खिलाफ जाकर हिंदुओं को कैसे रोका जा सकता है?
दरअसल, सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद ने वक्फ बिल को लेकर सरकार पर जोरदार हमला किया था। मसूद ने आपत्ति जताई थी कि वक्फ में 12 गैर मुसलमानों को क्यों शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि काशी विश्वनाथ ट्रस्ट में एक भी मुस्लिम नहीं है तो वक्फ में क्यों रखा जा रहा है? निशिकांत दुबे इमरान मसूद के इसी बयान को काउंटर अटैक कर रहे थे।
झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में वक्फ बिल पर अपनी बात शायराना अंदाज में की। उन्होंने कहा- 'लम्हों ने खता की है, सदियों ने सजा पाई है।' दुबे ने आगे कहा कि लोकसभा में इस बात पर सबसे ज्यादा हंगामा है कि हिंदू वक्फ बोर्ड में क्यों आए?
निशिकांत दुबे की क्या दलील
दुबे ने कहा, "पहला वक्फ पैंगंबर मोहम्मद साहब को जिसने दिया, वो यहूदी था उसका नाम मुखेरख था। उसने अपने सात बगीचे मोहम्मद साहब को तोहफे में दिए। ऊंट के मैदान में वो मारा गया, जब वो मारा गया तो मोहम्मद साहब ने उसकी संपत्ति जब्त करके पहला चैरिटेबल वक्फ बोर्ड शुरू किया। इमरान मसूद मैं यह बात ऑन रिकॉर्ड कह रहा हूं... यदि मुसलमानों ने पहला वक्फ नहीं दिया। तो मोहम्मद साहब के सिद्धांत के खिलाफ जाकर आप हिंदुओं को वक्फ में आने से कैसे रोक सकते हैं?"