Nishikant Dubey Troubles Increased Lawyer wrote a Letter for contempt Action Called the statement inflammatory निशिकांत दुबे की मुश्किलें बढ़ीं, अवमानना की कार्यवाही के लिए वकील ने लिखा लेटर; बयान को बताया भड़काऊ, India Hindi News - Hindustan
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निशिकांत दुबे की मुश्किलें बढ़ीं, अवमानना की कार्यवाही के लिए वकील ने लिखा लेटर; बयान को बताया भड़काऊ

  • अटॉर्नी जनरल को लिखे अपने लेटर में वकील अनस तनवीर ने कहा कि दुबे की टिप्पणी बेहद अपमानजनक और खतरनाक रूप से भड़काऊ है। निशिकांत दुबे ने सीजेआई पर विवादित बयान देते हुए उन्हें गृह युद्ध के लिए जिम्मेदार बताया था।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 20 April 2025 07:04 PM
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निशिकांत दुबे की मुश्किलें बढ़ीं, अवमानना की कार्यवाही के लिए वकील ने लिखा लेटर; बयान को बताया भड़काऊ

सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई संजीव खन्ना पर विवादित टिप्पणी करके फंसे बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वक्फ अधिनियम मामले में एक वादी का प्रतिनिधित्व करने वाले सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमण को लेटर लिखकर निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की सहमति मांगी है। दुबे ने कहा था कि इस देश में गृह युद्ध के लिए सीजेआई संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं। अटॉर्नी जनरल को लिखे अपने लेटर में वकील अनस तनवीर ने कहा कि दुबे की टिप्पणी बेहद अपमानजनक और खतरनाक रूप से भड़काऊ है।

लेटर में कहा गया, "मैं यह लेटर कोर्ट की अवमानना ​​अधिनियम, 1971 की धारा 15(1)(बी) के तहत, सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना ​​के लिए कार्यवाही को विनियमित करने के नियम, 1975 के नियम 3(सी) के साथ लिखकर झारखंड के गोड्डा संसदीय क्षेत्र से माननीय लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने के लिए आपकी विनम्र सहमति मांग रहा हूं, क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से ऐसे बयान दिए हैं जो बेहद निंदनीय, भ्रामक हैं और जिनका उद्देश्य भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा और अधिकार को कम करना है।''

दुबे की यह टिप्पणी केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दिए गए आश्वासन के बाद आई है कि वह वक्फ (संशोधन) अधिनियम के कुछ विवादास्पद प्रावधानों को सुनवाई के अगले दिन तक लागू नहीं करेगी, क्योंकि न्यायालय ने उन पर सवाल उठाए हैं। बीजेपी ने शनिवार को दुबे द्वारा सुप्रीम कोर्ट की आलोचना से खुद को अलग कर लिया और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इन टिप्पणियों को उनका निजी विचार बताया।

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नड्डा ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''भाजपा का उसके सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की न्यायपालिका और प्रधान न्यायाधीश पर की गई टिप्पणियों से कोई लेना-देना नहीं है। ये उनकी निजी टिप्पणियां हैं, लेकिन भाजपा न तो उनसे सहमत है और न ही ऐसी टिप्पणियों का कभी समर्थन करती है। भाजपा इन्हें पूरी तरह से खारिज करती है।'' नड्डा ने यह भी कहा कि उन्होंने दोनों नेताओं और अन्य लोगों को ऐसी टिप्पणियां न करने का निर्देश दिया है।