Pahalgam eyewitnesses described scary scene people ran away after being crushed to save their lives 4-5 हजार पर्यटक होंगे, जान बचाकर लोग कुचलते हुए भागे; पहलगाम के चश्मीद ने बताया डरावना मंजर, India Hindi News - Hindustan
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4-5 हजार पर्यटक होंगे, जान बचाकर लोग कुचलते हुए भागे; पहलगाम के चश्मीद ने बताया डरावना मंजर

  • पहलगाम शहर से लगभग 6 किलोमीटर दूर बैसरन घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा विशाल घास का मैदान है। देश और दुनिया के पर्यटकों के बीच यह पसंदीदा स्थान रहा है, जहां मंगलवार को आतंकवादी हमला हुआ।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 22 April 2025 10:04 PM
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4-5 हजार पर्यटक होंगे, जान बचाकर लोग कुचलते हुए भागे; पहलगाम के चश्मीद ने बताया डरावना मंजर

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट एक प्रसिद्ध घास के मैदान में मंगलवार दोपहर आतंकवादी हमला हुआ। इसमें 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। जो लोग वहां से अपनी जान बचाकर किसी तरह भाग पाए, उन्होंने काफी डरावना मंजर बयां किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में एक पर्यटक ने कहा, 'घोड़े की सवारी बुक करके हम लोग मिनी स्विट्जरलैंड में घूम रहे थे। जैसे ही हम लोग वहां से निकल रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। हमने गोलियां चलने की आवाज सुनी मगर किसी हमलावर को नहीं देखा। गोलीबारी की आवाज सुनते ही हर कोई वहां से भागने में लगा हुआ था। कोई पीछे मुड़कर देख ही नहीं रहा था।'

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महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले पर्यटक ने कहा, 'गेट छोटा था और लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए भाग रहे थे। मुश्किल से 4 फिट का दरवाजा रहा होगा जिससे निकलकर हर कोई भागना चाहता था। जो पीछे छूट जाता, उसके मरने की आशंका थी। कुछ लोगों ने दरवाजे से कूदने का भी प्रयास किया।' उन्होंने कहा कि हमने काफी देर तक फायरिंग की आवाज सुनी। भागने के दौरान मेरी पत्नी घायल हो गई, उसके पैर में चोट लगी है। वह अपनी जान बचाकर पहाड़ से कूदकर भागी। इस दौरान उसके पैर में फ्रैक्टर हो गया। मैंने और मेरे बेटे ने उसे पकड़कर वहां से लेकर आए। मुझे अपने परिवार की चिंता हो रही थी। मैं चाहता था कि मेरी पत्नी और बच्चे सुरक्षित जगह पहुंच जाएं।

घायल महिला पर्यटक ने क्या बताया

घायल महिला ने एएनआई से बातचीत में बताया, 'लोगों ने आवाज दी कि फायरिंग हो रहा है और आप सब चलते जाइए। हर कोई वहां से दौड़कर भाग रहे था। लोग एक-दूसरे को धक्के दे रहे थे। मैं खुद नीचे गिर गई और मेरे बेटे ने मुझे वहां से उठाया। कोई भी पीछे ध्यान नहीं दे रहा था और आगे भागा जा रहा था।' उन्होंने कहा कि मौके पर 4 से 5 हजार पर्यटक रहे होंगे जिनमें कई छोटे-छोटे बच्चे भी थे। मैंने भी किसी को गोली चलाते हुए नहीं देखा, क्योंकि वहां से हर कोई अपनी जान बचाकर निकल जाना चाहता था।