सिंधु जल समझौता टूटने से टेंशन में पाकिस्तान, भारत को कड़ा जवाब देने की कर रहा बात
Indus Water Treaty: भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर बुधवार को पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उसके साथ राजनयिक संबंधों में व्यापक कटौती, 1960 की सिंधु जल संधि स्थगित करने और अटारी चौकी को बंद किए जाने समेत कई फैसले किए।

Indus Water Treaty: पहलगाम में हुए नरसंहार के बाद भारत अब पाकिस्तान के खिलाफ बड़े ऐक्शन लिए हैं। इनमें सिंधु नदी जल समझौता भी शामिल है। अब इसे लेकर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और भारत को कड़ा जवाब देने की बात कर रहा है। फिलहाल, इसपर भारत सरकार की ओर से प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। भारत सरकार ने पड़ोसी मुल्क के खिलाफ सिंधु जल समझौता तोड़ने समेत 5 बड़े फैसले लिए हैं।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत के फैसलों की आलोचना की है। बुधवार को एक चैनल से बातचीत में डार ने कहा कि भारत ने आतंकवादी घटनाओं को लेकर कोई सबूत पेश नहीं किए हैं। साथ ही कहा है कि भारत ये फैसले गुस्से में ले रहा है। उन्होंने कहा, 'आतंकी घटनाओं के संबंध में भारत ने कोई सबूत नहीं दिए हैं। उसकी घोषणा गंभीरता की कमी को बताती हैं।'
उन्होंने कहा, 'भारत में जब भी संकट होता है, तो उसका जिम्मेदार पाकिस्तान को बताता है।' डार ने जानकारी दी है कि भारत की घोषणाओं के बाद पाकिस्तानी जवाब के लिए NSC यानी नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की मीटिंग आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा, 'भारत के बयान अनुचित हैं और NSC की तरफ से प्रतिक्रिया दी जाएगी।' उन्होंने कहा, 'आतंकवाद पर इस तरह से गुस्सा जाहिर करना सही नहीं है।'
भारत का ऐक्शन
भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर बुधवार को पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उसके साथ राजनयिक संबंधों में व्यापक कटौती, 1960 की सिंधु जल संधि स्थगित करने और अटारी चौकी को बंद किए जाने समेत कई फैसले किए। सीसीएस की बैठक के बाद देर शाम विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संवाददाताओं को फैसलों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि एक मई तक राजनयिक संबंधों में और कटौती के माध्यम से पाकिस्तानी और भारतीय उच्चायोगों में तैनात लोगों की कुल संख्या घटाकर 55 से 30 कर दी जाएगी।
मिस्री ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिकों को दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और एसवीईएस वीजा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय है।
विदेश सचिव ने पांच जवाबी कदमों की घोषणा करते हुए कहा कि 'पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित (पर्सोना नॉन ग्राटा) घोषित किया गया है' तथा उनसे एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि भारत भी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना, वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। मिस्री ने कहा, 'संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा।'