महबूबा मुफ्ती पहुंचीं खीर भवानी मंदिर, पूजा-अर्चना के बाद कश्मीरी पंडितों पर क्या बोलीं
खीर भवानी मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। यहां विभिन्न समुदायों के लोग एक साथ आते हैं, जो कश्मीर की गंगा-जमुनी तहजीब को दर्शाता है। यह मंदिर शांति और आस्था का केंद्र है।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती मंगलवार को गांदरबल स्थित खीर भवानी मंदिर पहुंचीं। यहां उन्होंने अपने समर्थकों के साथ पूजा-अर्चना की। न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से जारी वीडियो क्लिप में महबूबा को मंदिर आते और पूजा-पाठ करते देखा जा सकता है। मंदिर से बाहर निकलते ही पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'पीडीपी का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में मुद्दों का समाधान बंदूकों से नहीं हो सकता। इसके लिए राजनीतिक प्रक्रिया होनी चाहिए। यह राजनीतिक प्रक्रिया तब तक हासिल नहीं हो सकती जब तक हमारे सभी कश्मीरी पंडित कश्मीर वापस नहीं आ जाते और यहां आकर बसते नहीं हैं।'
महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों की सम्मानजनक वापसी और पुनर्वास की मांग करते हुए सोमवार को भी बयान दिया था। उन्होंने कहा कि समुदाय के फिर से एकीकरण को महज प्रतीकात्मक वापसी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे जम्मू-कश्मीर के साझा, समावेशी और दूरदर्शी भविष्य के निर्माण के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों के मूल घर अब भी मौजूद हैं, लेकिन जीर्ण-शीर्ण या अर्ध-क्षतिग्रस्त स्थिति में हैं, उन्हें संरचनात्मक मरम्मत और आधुनिकीकरण के लिए लक्षित वित्तीय अनुदान या ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाना चाहिए। महबूबा ने समुदाय के लिए 2 विधानसभा सीट आरक्षित करने की भी मांग की।
खीर भवानी मंदिर क्यों है प्रसिद्ध
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीते महीने खीर भवानी मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने विधानसभा क्षेत्र में कई परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया था। खीर भवानी मेला कश्मीरी पंडितों के लिए एक अहम धार्मिक आयोजन है। इस वर्ष जून के पहले सप्ताह में इस मेला को आयोजित किए जाने की संभावना है। देश के सभी हिस्सों से कश्मीरी पंडित रागन्या देवी के मंदिर (खीर भवानी मंदिर) में इकट्ठा होते हैं। खीर भवानी मंदिर गांदरबल जिले के तुलमुला गांव में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है। यह मंदिर देवी रागिन्या (दुर्गा का एक रूप) को समर्पित है, जिन्हें स्थानीय लोग खीर भवानी के नाम से पूजते हैं। यह मंदिर अपनी आध्यात्मिक महत्ता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, जो एक पवित्र झरने के किनारे बना है। इस झरने का पानी अपनी रहस्यमयी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि इसका रंग समय-समय पर बदलता रहता है, जिसे भक्त शुभ या अशुभ संकेत मानते हैं।