भारत में इनोवेशन की कमी क्यों, क्या हम डिलीवरी बॉय-गर्ल बनकर ही खुश हैं: पीयूष गोयल
- पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में भारत और चीन के स्टार्टअप की तुलना में भारत के स्टार्टअप कल्चर में इनोवेशन की कमी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि हमारा इकोसिस्टम गिग जॉब्स पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम के मौजूदा परिदृश्य पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि भारत की तुलना में चीन डीप-टेक इनोवेशन में तेजी से आगे बढ़ रहा है, वहीं भारत आज भी गिग जॉब्स पर निर्भर है। पीयूष गोयल गुरुवार को दिल्ली में स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में हिस्सा लेने पहुंचे थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोयल ने सवाल उठाए हैं कि क्या हमारा देश कम वेतन वाली डिलीवरी जॉब्स से संतुष्ट है? उन्होंने यह भी कहा है कि इसके बजाय हमें तकनीकी विकास पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
पीयूष गोयल ने कहा, “क्या हमें डिलीवरी बॉय और गर्ल्स बनने का लक्ष्य रखना चाहिए? या हम डिलीवरी बॉय और गर्ल्स बनकर ही खुश हैं?” पीयूष गोयल ने कार्यक्रम में इस्तेमाल किए गए प्रेजेंटेशन का जिक्र किया। इसमें भारत के स्टार्टअप परिदृश्य की तुलना चीन से की गई थी। दोनों देशों के बीच स्पष्ट अंतर की ओर इशारा करते हुए उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारतीय स्टार्टअप अग्रणी तकनीकी नवाचार के बजाय फूड डिलीवरी और गिग वर्क पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “आज भारत के स्टार्टअप क्या हैं? हम फूड डिलीवरी ऐप पर ध्यान दे रहे हैं, बेरोजगार युवाओं को सस्ते श्रमबल में धकेला जा रहा है ताकि अमीर लोग अपने घर से बिना बाहर जाए खाना मंगा सकें।”
तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम पर क्या बोले?
दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में भारत की स्थिति पर बात करते हुए गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि सिर्फ यही पैमाना पर्याप्त नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, "भारत ने जो किया है उस पर हमें बहुत गर्व है, लेकिन क्या हम दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं? अभी तक नहीं।" गोयल के मुताबिक भारत में डीप-टेक स्टार्टअप की सीमित संख्या बड़ी चिंता है। उन्होंने कहा, "भारत के डीप-टेक स्पेस में केवल 1,000 स्टार्टअप ही हैं और यह चिंताजनक स्थिति है।” इस दौरान पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स और सर्विस बेस्ड बिजनेस से परे इनोवेशन पर ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया है।