कोटपूतली में ACB की दबिश से मची खलबली, फतेह सिंह मीणा की ‘रईसी’ पर सवालों की बौछार
राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार सुबह बहरोड़-कोटपुतली जिले में तैनात अधिशाषी अधिकारी फतेह सिंह मीणा के विभिन्न ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की।

राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार सुबह बहरोड़-कोटपुतली जिले में तैनात अधिशाषी अधिकारी फतेह सिंह मीणा के विभिन्न ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की। मीणा वर्तमान में पावटा-प्रागपुरा नगर पालिका में कार्यरत हैं और उनके खिलाफ आय से 273 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप है।
ACB सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई मंगलवार तड़के शुरू हुई और इसमें ACB की लगभग एक दर्जन टीमें शामिल रहीं। यह टीमें जयपुर, पावटा, शाहपुरा, कोटपुतली, थानागाजी और विराटनगर सहित कई स्थानों पर फैले मीणा और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर तलाशी अभियान चला रही हैं।
273% अधिक आय, लग्जरी फ्लैट और फार्म हाउस की खरीद
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अधिशाषी अधिकारी फतेह सिंह मीणा ने सरकारी सेवा में रहते हुए आय से 273 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की है। मीणा द्वारा जयपुर के जगतपुरा इलाके में त्रिमूर्ति एरेना अपार्टमेंट में दो लग्जरी फ्लैट खरीदे गए हैं, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 1.30 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, उन्होंने नीमकाथाना के दीपावास गांव में 1.05 हेक्टेयर भूमि खरीदी है।
इतना ही नहीं, एसीबी को यह भी जानकारी मिली है कि फतेह सिंह मीणा ने अपने परिचितों के नाम पर अलवर जिले के गढ़ बसई गांव में करीब 15 बीघा भूमि खरीदकर वहां एक फार्म हाउस विकसित किया है। इस बेनामी संपत्ति में उन्होंने लगभग 80 लाख रुपये का निवेश किया है।
छापेमारी के दौरान कहां-कहां की गई तलाशी?
एसीबी की टीमें अधिकारी के फ्लैट नंबर E-503 और E-504 त्रिमूर्ति एरेना, जगतपुरा, जयपुर में मौजूद थीं। वहीं अधिकारी के निवास स्थान इंदौक गांव (थानागाजी, अलवर), फार्म हाउस (गढ़ बसई, अलवर), उनके करीबी प्रमोद वर्मा का कोटपुतली स्थित आवास, कैलाश गुर्जर का शाहपुरा स्थित निवास, पावटा में किराये का मकान और कार्यालय परिसर में भी तलाशी की जा रही है।
इसके अलावा उपपंजीयक कार्यालय थानागाजी से भी दस्तावेजों को जब्त किया गया है।
दस्तावेज और डिजिटल सबूत जुटाए जा रहे हैं
ACB की टीमों ने इन ठिकानों से कई अहम दस्तावेज, संपत्ति संबंधी कागजात, निवेश के रिकॉर्ड, बैंक स्टेटमेंट और डिजिटल डिवाइस जब्त किए हैं। अधिकारी और उनके परिजनों से पूछताछ भी की जा रही है। साथ ही आय से अधिक संपत्ति अर्जन से संबंधित सभी तथ्यों की पुष्टि करने के लिए संपत्ति की वैधता, खरीद प्रक्रिया, भुगतान माध्यमों और अन्य निवेश स्रोतों की जांच की जा रही है।
एसीबी का नेतृत्व कर रहे अधिकारी
इस पूरे ऑपरेशन की कमान ACB सवाई माधोपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्ञान सिंह चौधरी के हाथ में है। उन्होंने बताया कि छापेमारी अभी जारी है और प्रारंभिक दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई को और गहन किया जाएगा।
क्या है आगे की प्रक्रिया?
फतेह सिंह मीणा के खिलाफ एसीबी द्वारा जांच पूरी करने के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। यदि आरोप प्रमाणित होते हैं तो यह मामला राज्य में सरकारी सेवा में भ्रष्टाचार के सबसे बड़े प्रकरणों में से एक बन सकता है।
राज्य भर में एसीबी की इस कार्रवाई ने न केवल प्रशासनिक गलियारों में हलचल पैदा की है, बल्कि यह भी संकेत दिया है कि सरकार भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत काम कर रही है।
इस छापेमारी ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि यदि कोई सरकारी अधिकारी अपनी सीमा से बाहर जाकर अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करता है, तो उसे कानूनी शिकंजे का सामना करना पड़ेगा।
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