Question Raises on Priyanka Gandhi for not being present in Parliament during the debate on Waqf Bill वक्फ बिल पर बहस के समय संसद में नहीं रहने पर घिरीं प्रियंका गांधी, उठने लगे सवाल, India Hindi News - Hindustan
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वक्फ बिल पर बहस के समय संसद में नहीं रहने पर घिरीं प्रियंका गांधी, उठने लगे सवाल

  • संपादकीय में लिखा गया है कि वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी, जिनसे देश बड़ी उम्मीदों के साथ देखता है, पार्टी व्हिप के बावजूद संसद नहीं आईं। यह एक धब्बा बनकर रह जाएगा। बिल पर बहस के समय वह कहां थीं, यह सवाल हमेशा बना रहेगा।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 4 April 2025 07:36 PM
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वक्फ बिल पर बहस के समय संसद में नहीं रहने पर घिरीं प्रियंका गांधी, उठने लगे सवाल

संसद में पास हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान मौजूद नहीं रहने के लिए वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी पर सवाल उठने लगे हैं। शुक्रवार को एक मलयालम अखबार ने अपने संपादकीय में इसकी आलोचना की है। मलयालम दैनिक सुप्रभातम का संचालन इलाके के एक प्रमुख मुस्लिम संगठन समस्त केरल जेम-इय्याथुल उलमा द्वारा किया जाता है। अपने अखबार के संपादकीय में, उन्होंने संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक के पारित होने और प्रभावशाली कांग्रेस नेताओं की उल्लेखनीय अनुपस्थिति की आलोचना की।

'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार, संपादकीय में लिखा गया है, ''वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी, जिनसे देश बड़ी उम्मीदों के साथ देखता है, पार्टी व्हिप के बावजूद संसद नहीं आईं। यह एक धब्बा बनकर रह जाएगा। बिल पर बहस के समय वह कहां थीं, यह सवाल हमेशा बना रहेगा।'' वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या बहुत ज्यादा है और आईयूएमएल जैसी क्षेत्रीय मुस्लिम पार्टियों ने पहले प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के लिए प्रचार किया था, ताकि वे इस सीट पर जीत सुनिश्चित कर सकें।

इसके अलावा, अखबार ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से भी इस बिल के खिलाफ नहीं बोलने के लिए भी सवाल किया है। लिखा गया, "साथ ही, विपक्षी नेता राहुल गांधी ने देश की एकता को तोड़ने वाले इस विधेयक पर क्यों नहीं बोला, यह बात हमेशा याद रहेगी।" अखबार ने वक्फ (संशोधन विधेयक) पारित होने पर निराशा व्यक्त की, लेकिन उन्होंने विधेयक के खिलाफ मतदान करने के लिए शेष विपक्षी नेताओं को धन्यवाद दिया। अखबार के संपादकीय में लिखा गया, “वक्फ विधेयक बाबरी घटना के बाद संघ परिवार द्वारा मुसलमानों और देश की धर्मनिरपेक्षता पर सबसे बड़ा हमला है। विपक्षी नेताओं का धन्यवाद जिन्होंने आधी रात के बाद संसद के कार्यक्रम में विधेयक के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और विधेयक के खिलाफ मतदान किया। कांग्रेस और डीएमके सदस्यों का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा।”

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विपक्ष अल्पसंख्यकों को भड़काए नहीं: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि विपक्ष चाहे तो संसद में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक को अदालत में चुनौती दे सकता है, लेकिन उसे इस मुद्दे पर अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को भड़काने और तुष्टीकरण की 'तुच्छ राजनीति' करने से बचना चाहिए। भाजपा की यह टिप्पणी कांग्रेस के उस बयान के बाद आई जिसमें उसने कहा कि वह संसद में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 की संवैधानिकता को 'बहुत जल्द' उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा था कि वह संविधान में निहित सिद्धांतों, प्रावधानों और प्रथाओं पर मोदी सरकार के 'हमलों' का विरोध करना जारी रखेगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ''कांग्रेस के कुछ कानूनी विशेषज्ञ बार-बार कह रहे हैं कि यह (विधेयक) असंवैधानिक है और वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्हें अदालत जाने दीजिए। उन्हें कोई नहीं रोक रहा है।''