Rahul Gandhi letter to President Droupadi Murmu seeking intervention in SC scrapping over 25000 West Bengal teacher case दखल दीजिए महामहिम, ताकि सेवा रहे जारी; बंगाल के शिक्षकों के मामले में राहुल गांधी की राष्ट्रपति को चिट्ठी, India Hindi News - Hindustan
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दखल दीजिए महामहिम, ताकि सेवा रहे जारी; बंगाल के शिक्षकों के मामले में राहुल गांधी की राष्ट्रपति को चिट्ठी

राहुल गांधी ने सात अप्रैल की तारीख वाले अपने पत्र में कहा कि मैं पश्चिम बंगाल में उन हजारों योग्य स्कूली शिक्षकों के मामले में आपके हस्तक्षेप का अनुरोध करने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं।

Pramod Praveen भाषा, नई दिल्लीTue, 8 April 2025 05:15 PM
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दखल दीजिए महामहिम, ताकि सेवा रहे जारी; बंगाल के शिक्षकों के मामले में राहुल गांधी की राष्ट्रपति को चिट्ठी

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों से जुड़े मामले में दखल दें और सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित करें कि निष्पक्ष तरीकों से चुने गए उम्मीदवारों को सेवा जारी रखने की अनुमति मिले।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पश्चिम बंगाल में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को बृहस्पतिवार को अमान्य करार देते हुए उनकी चयन प्रक्रिया को ‘त्रुटिपूर्ण’ करार दिया था। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने नियुक्तियों को रद्द करने संबंधी कलकत्ता हाई कोर्ट के 22 अप्रैल 2024 के फैसले को बरकरार रखा था।

7 अप्रैल की तारीख में है चिट्ठी

राहुल गांधी ने सात अप्रैल की तारीख वाले अपने पत्र में कहा, "मैं पश्चिम बंगाल में उन हजारों योग्य स्कूली शिक्षकों के मामले में आपके हस्तक्षेप का अनुरोध करने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं, जिन्होंने न्यायपालिका द्वारा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के कारण अपनी नौकरी खो दी है। प्रभावित शिक्षकों के लिए एक मंच, ‘शिक्षक-शिक्षिका अधिकार मंच’ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुझे मामले से अवगत कराया और विशेष रूप से मुझसे आपको लिखने का अनुरोध किया।"

कुछ उम्मीदवार बेदाग

उन्होंने कहा, "कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शिक्षक भर्ती में गंभीर अनियमितताएँ पाईं और पूरी प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया। तीन अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा। फैसले के बाद से, शिक्षकों के साथ-साथ बर्खास्त किए जाने वाले कर्मचारियों ने किसी भी समाधान की उम्मीद लगभग छोड़ दी है।’’ उनके मुताबिक, दोनों निर्णयों में पाया गया कि कुछ उम्मीदवार बेदाग थे - जिनका चयन उचित तरीकों से किया गया था, और कुछ 'दागी' - जो अनुचित तरीकों से चुने गए थे।

दागी और बेदाग के साथ एक जैसा व्यवहार अन्याय

राहुल गांधी ने कहा, "दागी और बेदाग दोनों शिक्षकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। भर्ती के दौरान किए गए किसी भी अपराध की निंदा की जानी चाहिए और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। हालाँकि, निष्पक्ष तरीके से चयनित शिक्षकों के साथ दागी शिक्षकों के समान व्यवहार करना एक गंभीर अन्याय है।" उनके अनुसार, अधिकतर 'बेदाग' शिक्षकों ने लगभग एक दशक तक सेवा की है।

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, "इनकी नौकरी ख़त्म करने से लाखों छात्र पर्याप्त शिक्षकों के बिना कक्षाओं में जाने को मजबूर होंगे। शिक्षकों की मनमानी सेवा समाप्ति उनके मनोबल और सेवा करने की प्रेरणा को नष्ट कर देगी, और उनके परिवारों को आय के एकमात्र स्रोत से वंचित कर देगी।"

राहुल गांधी ने कहा, "महोदया, आपने स्वयं एक शिक्षिका के रूप में कार्य किया है। मुझे यकीन है कि आप शिक्षकों, उनके परिवारों और उनके छात्रों के प्रति इस अन्याय की भारी मानवीय कीमत को समझती हैं।" उन्होंने कहा, "मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया उनके अनुरोध पर कृपापूर्वक विचार करें और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निष्पक्ष तरीकों से चुने गए उम्मीदवारों को सेवा जारी रखने की अनुमति मिले।"