तीसरी संतान लड़की हुई तो 50 हजार रुपये, लड़का होने पर देंगे गाय; TDP सांसद का ऐलान
- अप्पाला नायडू ने कहा, 'अगर तीसरी संतान के रूप में लड़का हुआ तो हम एक गाय और एक बछड़ा देंगे। अगर तीसरी संतान लड़की हुई तो हम 50 हजार रुपये की सावधि जमा करेंगे। भारत की जनसंख्या बढ़नी चाहिए।'

आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के लोकसभा सदस्य ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में अनोखा वादा किया है। उन्होंने कहा कि हर तीसरी संतान के रूप में लड़की पैदा होने पर 50,000 रुपये दिए जाएंगे। विजयनगरम के सांसद के. अप्पाला नायडू ने कहा कि वह नवजात बच्ची के नाम से सावधि जमा के रूप में यह धनराशि जमा करेंगे, जो उसकी शादी की उम्र तक 10 लाख रुपये तक हो सकती है। अप्पाला नायडू ने रविवार को पीटीआई से कहा, 'अगर तीसरी संतान के रूप में लड़का हुआ तो हम एक गाय और एक बछड़ा देंगे। अगर तीसरी संतान लड़की हुई तो हम 50 हजार रुपये की सावधि जमा करेंगे। भारत की जनसंख्या बढ़नी चाहिए।'
टीडीपी सांसद ने कहा कि वह मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की ओर से जनसंख्या बढ़ाने के लिए किए गए आह्वान से प्रेरित हैं। अप्पाला नायडू ने अपने निर्वाचन क्षेत्र की हर महिला को यह प्रस्ताव देने का वादा किया। उन्होंने याद किया कि राजनीति और जीवन में कई महिलाओं ने उन्हें प्रोत्साहित किया, जिनमें उनकी मां, पत्नी, बहनें और बेटी शामिल हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं जनसंख्या संकट का सामना कर रही हैं। एक पुस्तक विमोचन समारोह में उन्होंने कहा कि भले ही इन देशों के पास एआई और अत्याधुनिक तकनीक जैसे उन्नत संसाधन उपलब्ध हैं, लेकिन उन्हें चलाने के लिए पर्याप्त कार्यबल नहीं है।
मुख्यमंत्री नायडू ने जनसंख्या पर क्या कहा
यूरोप, चीन और जापान का उदाहरण देते हुए सीएम नायडू ने कहा कि इन देशों में बढ़ती उम्र की आबादी एक बड़ी चुनौती बन गई है। उन्होंने कहा कि भारत इस समस्या से काफी हद तक प्रभावित नहीं है। पिछले कुछ महीनों में टीडीपी प्रमुख नायडू आंध्र प्रदेश के लोगों से अधिक बच्चों को जन्म देने का आग्रह कर चुके हैं ताकि घटती जनसंख्या से निपटा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि भारत इतिहास के एक महत्वपूर्ण दौर में है। उन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में कांग्रेस सरकार की ओर से लागू की गई उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण नीतियों को याद किया। उन्होंने कहा कि भारत को सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पहला फायदा मिला।