अमेरिका का F-47 बनाम चीन का J-36: छठी पीढ़ी के फाइटर जेट्स की जंग में कौन आगे? भारत कहां खड़ा
- अमेरिका ने अपने F-47 फाइटर जेट की घोषणा कर दी है, जिसे बोइंग विकसित कर रहा है। वहीं, चीन पहले ही अपने J-36 फाइटर जेट पर काम कर रहा है। छठी पीढ़ी के फाइटर जेट की जंग में कौन आगे है?

दुनिया में सैन्य ताकत बढ़ाने की होड़ अब छठी पीढ़ी के फाइटर जेट्स तक पहुंच चुकी है। अमेरिका ने अपने F-47 फाइटर जेट की घोषणा कर दी है, जिसे बोइंग विकसित कर रहा है। वहीं, चीन पहले ही अपने J-36 फाइटर जेट पर काम कर रहा है। दोनों देशों के इन आधुनिकतम विमानों की क्षमताओं को लेकर वैश्विक स्तर पर बहस तेज हो गई है। आर्टिकल में हम जानेंगे कि अमेरिका और चीन के इस फाइटर जेट्स की जंग में कौन कितना आगे है? यह भी समझेंगे कि इस हाई-टेक रक्षा स्पर्धा में भारत कहां खड़ा है?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि F-47 दुनिया का पहला पूर्ण रूप से छठी पीढ़ी का मानवयुक्त फाइटर जेट होगा। इसे आधिकारिक तौर पर नेक्स्ट जनरेशन एयर डॉमिनेंस भी कहा जा रहा है। ट्रंप ने एक बयान में कहा कि यह दुनिया का इकलौता छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा। उन्होंने तारीफों के पुल बांधते हुए यह भी कहा कि अभी से मित्र देशों में इसे खरीदने की होड़ लग गई है।
F-47 की प्रमुख खूबियां
अत्याधुनिक स्टील्थ तकनीक इसे दुश्मनों की नज़रों से बचा सकेगा। स्वायत्त ड्रोन के साथ ऑपरेट करने की क्षमता, जिससे यह एक संगठित लड़ाकू टीम की तरह काम कर सकेगा। बेहतर स्पीड और मैन्यूवरिंग से लैस, जिससे इसे पकड़ पाना बेहद मुश्किल होगा। हाई-टेक हथियार प्रणाली इसे अजेय बनाएगी।
अमेरिकी वायुसेना प्रमुख डेविड ऑल्विन के अनुसार, यह विमान पहले से ही गुप्त परीक्षणों में सैकड़ों घंटे की उड़ान भर चुका है और ट्रंप प्रशासन के कार्यकाल में इसे तैनात कर दिया जाएगा।
चीन का J-36- गुप्त हथियार या सिर्फ दावा?
चीन ने अपने J-36 फाइटर जेट की गोपनीयता बनाए रखी है। इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन विकसित कर रहा है। हाल ही में इसकी कुछ तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, जिसमें इसे J-20 के साथ उड़ान भरते देखा गया।
J-36 की संभावित खूबियां
यह ट्रायंगल और टेललेस डिज़ाइन से लैस है, जिससे यह ज्यादा स्टील्थी होगा। इसमें तीन WS-10C टर्बोफैन इंजन है, जो इसे हाई-स्पीड और ऊंचाई पर लंबी दूरी तक उड़ान भरने में मदद करेंगे। बड़ी इंटरनल वेपन बे (IWB), जिससे यह अधिक हथियार लेकर जा सकता है। इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर और साइड-लुकिंग एयरबोर्न रडार, जो इसे उन्नत लड़ाकू क्षमता देंगे।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि J-36 अभी विकास के शुरुआती चरण में है और चीन ने इसे छठी पीढ़ी का जेट कहकर सिर्फ प्रचार किया है। इसकी असली क्षमताओं का आकलन अभी बाकी है।
भारत कहां खड़ा
भारत वर्तमान में अपने पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ लड़ाकू विमान, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के विकास पर कार्यरत है। हाल ही में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने इस परियोजना के लिए लगभग 15,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, जिससे AMCA के विकास और प्रोटोटाइप उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। यह परियोजना भारत के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
खासियत
AMCA की खासियतों की बात करें तो यह स्टील्थ डिजाइन जो इसे दुश्मनों की रडार से बचने में मदद करेगा। सुपरसोनिक क्रूज़ क्षमता होगी, जिससे यह अधिक तेज़ और कुशल होगा। AI-इंटीग्रेटेड कॉम्बैट सिस्टम होगा, जिससे यह उन्नत निर्णय लेने में सक्षम होगा। डायरेक्ट एनर्जी वेपन्स का उपयोग इसे भविष्य की तकनीकों से लैस करेगा। हालांकि, AMCA अभी शुरुआती चरण में है और इसे तैयार होने में कम से कम एक दशक लग सकता है।