बंगाल हिंसा के पीड़ितों से मिलने पहुंचे राज्यपाल, कहा- राज्य की राजनीति में तेजी से फैल रहे दो कैंसर
- पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी बोस सरकार की अपील को दरकिनार रखते हुए राज्य के हिंसा प्रभावित जिलों का दौरा करने के लिए रवाना हो गए हैं। इस बीच मानवाधिकार आयोग ने मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इन क्षेत्रों का दौरा किया है।

Murshidabad Violence: वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद सरकार और राज्यपाल के बीच भी ठन गई है। एक तरफ जहां राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने की घोषणा कर हलचल मचाई थी, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने कई बार राज्यपाल से ऐसे क्षेत्रों पर ना जाने की अपील की थी। हालांकि इन सभी अपीलों को दरकिनार रखते हुए राज्यपाल सी वी आनंद बोस शुक्रवार को मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे जिलों की यात्रा पर रवाना हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने हिंसा पीड़ितों संग मुलाकात भी की है। इस बीच राज्य बंगाल की स्थिति पर बात करते हुए राज्यपाल ने कहा है कि बंगाल में हिंसा का मामला नया नहीं है और यह एक सतत मुद्दा है।
राज्यपाल सी वी बोस ने कहा कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में दो चीजें कैंसर की तरह बढ़ रही है, हिंसा और भ्रष्टाचार। उन्होंने कहा, “बंगाल में हिंसा की संस्कृति वास्तविकता है। पश्चिम बंगाल की राजनीति में दो चीजें कैंसर की तरह फैल रही हैं - एक हिंसा और दूसरी भ्रष्टाचार। हमें इसकी जड़ों को खत्म करना होगा। मुझे यकीन है कि जीत हमारी होगी।" इस दौरान राज्यपाल ने दावा किया है कि उनके पास हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से लगातार बड़ी संख्या में शिकायतें आ रही हैं और लोग उनसे मदद मांग रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमें उन इलाकों से 100 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। हालांकि पिछले दो दिनों में केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद हिंसा में काफी कमी आई है। मैंने कुछ लोगों से बात की। मैंने उनसे खुद बात की ताकि उन्हें भरोसा दिलाया जा सके कि हम सब उनके साथ हैं।"
बरती जा रही है सतर्कता
राज्यपाल ने बताया कि वे मालदा में राहत शिविरों का भी दौरा करेंगे और राहत कार्य में तेजी लाने के लिए रेड क्रॉस की मदद ले रहे हैं। राज्यपाल ने यह भी कहा कि वे आगे किसी भी घटना को लेकर पूरी सतर्कता बरत रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं सभी संबंधित पक्षों, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के साथ लगातार संपर्क में हूं। हम शांति बनाए रखने और स्थिति को सामान्य करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।”
कई हिंदू परिवार विस्थापित
गौरतलब है कि राज्यपाल बोस बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हाल ही में भड़की हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए मालदा पहुंचे हैं। यहां राहत शिविरों का दौरा करने के बाद राज्यपाल बोस मुर्शिदाबाद भी जाएंगे। बता दें कि इस कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच बड़े पैमाने पर आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थीं जिसमें पिता पुत्र सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी। वहीं कई लोग घायल भी हुए थे। खबरों के मुताबिक हिंसा भड़कने के बाद कई हिंदू परिवार विस्थापित हो गए है। इनमें से कुछ परिवारों ने झारखंड के पाकुड़ जिले में जबकि कुछ ने मालदा के राहत शिविरों में शरण ली है।
कोर्ट ने नेताओं को दी है हिदायत
इस मामले पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ दिनों के लिए मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अदालत पीड़ितों के पुनर्वास को भी सुनिश्चित करेगा। अदालत ने भाजपा, टीएमसी और राज्य के अधिकारियों को किसी भी तरह के नफरती और भड़काऊ भाषण ना देने का आदेश भी दिया है।
NHRC ने लिया स्वत: संज्ञान
इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम ने शुक्रवार को मुर्शिदाबाद दंगों में विस्थापित हुए लोगों से मुलाकात की है। NHRC की टीम ने 11 और 12 अप्रैल को राज्य में हुई हिंसा के मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मालदा में एक राहत शिविर का दौरा किया है। आयोग ने कहा कि उसने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एक फैक्ट चेक टीम भेजने का फैसला किया है और तीन सप्ताह के अंदर उनसे विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है। इस दौरान अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में फैली हिंसा में तीन लोग मारे गए थे।