पहले खुद के गिरेबान में झांक लो, बंगाल हिंसा पर ज्ञान दे रहे बांग्लादेश को भारत की फटकार
- बंगाल में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। हिंसा के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए तैनात किया गया है।

पश्चिम बंगाल में हिंसा को लेकर बांग्लादेश की टिप्पणी पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश को फटकार लगाते हुए कहा है कि पड़ोसी देश को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए जहां जघन्य अपराधों के दोषी आजाद घूम रहे हैं। बता दें कि बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के विरोध में हुई हिंसक झड़पों ने राज्य में तनाव बढ़ा दिया है। इन प्रदर्शनों के दौरान कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। हिंसा के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) को क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए तैनात किया गया है। इस बीच, बांग्लादेश के अधिकारियों द्वारा पश्चिम बंगाल की घटनाओं पर की गई टिप्पणियों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है।
क्या बोला था बांग्लादेश?
बांग्लादेश ने भारतीय अधिकारियों से अशांति से प्रभावित अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदायों की रक्षा करने का आह्वान किया था। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि अंतरिम सरकार ने इस घटना में बांग्लादेश को शामिल करने के भारत के प्रयासों का “कड़ा विरोध” किया है। उन्होंने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, “हम मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा में बांग्लादेश को शामिल करने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से खंडन करते हैं।” उन्होंने कहा, “हम भारत और पश्चिम बंगाल सरकार से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आग्रह करते हैं।”
भारत की बांग्लादेश को दो टूक जवाब
अब पश्चिम बंगाल की घटनाओं पर बांग्लादेश के अधिकारियों की टिप्पणियों पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं पर बांग्लादेश की टिप्पणियों को पूरी तरह खारिज करते हैं। यह भारत की उस चिंता के साथ तुलना करने की एक छिपी और गलत कोशिश है, जो बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर है। बांग्लादेश में इस तरह के कृत्यों के अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। बांग्लादेश को अनावश्यक टिप्पणियां करने और नैतिकता का प्रदर्शन करने के बजाय अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान देना चाहिए।"
मुर्शिदाबाद में हिंसा और पुलिस कार्रवाई
पुलिस के अनुसार, मुर्शिदाबाद के सुति, धूलियान और जंगीपुर जैसे क्षेत्रों में 11 और 12 अप्रैल को वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गए। प्रदर्शनकारियों ने दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की, जिसके परिणामस्वरूप संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा। पश्चिम बंगाल पुलिस ने हिंसा में शामिल दो भाइयों को गिरफ्तार किया है, जिन पर एक पिता-पुत्र की जोड़ी की हत्या का आरोप है। खुफिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि हिंसा में बांग्लादेश स्थित कट्टरपंथी संगठनों जैसे जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) की संलिप्तता थी, जिन्हें स्थानीय राजनीतिक नेताओं का समर्थन प्राप्त था।
पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार ने कहा कि अफवाहों ने हिंसा को भड़काने में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने चेतावनी दी कि पुलिस किसी भी तरह की अशांति को बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में CAPF की तैनाती का आदेश दिया है और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी, प्रियंका तिबरेवाल और विश्व हिंदू परिषद की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच की मांग कर रहे हैं।