Bangladesh news update: बांग्लादेश अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने जापान में जाकर अगले चुनावों की समय सीमा का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि लोग मुझसे बार-बार पूछ रहे हैं कि चुनाव कब होगा.. ऐसा इसलिए कि नेताओं को सत्ता पाने की जल्दी है।
बेगम खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी के लोगों ने यह आंदोलन किया, जिसमें देश भर से हजारों लोगों की भीड़ जुटी। राजधानी के सभी मुख्य मार्ग पूरी तरह जाम दिखे तो वहीं आंदोलन के चलते पूरा कामकाज भी थम गया। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की रैली में जल्दी ही आम चुनाव कराने की मांग की गई।
भारत द्वारा अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजने की कार्रवाई पर बांग्लादेश ने कड़ा विरोध जताया है। सीमा पर तनाव बढ़ गया है और दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां आमने-सामने खड़ी हैं।
बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों से मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ विरोध बढ़ता ही जा रहा है। देश में अलग-अलग वर्गों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है। इस बीच यूनुस जापान के दौरे पर रवाना हो गए हैं।
हसीना को सत्ता से हटाने वाला व यूनुस सरकार का समर्थक छात्र संगठन 'जुलाई मंच' भी सड़कों पर उतर आया है और कर्मचारी आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है, जिसके चलते हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं।
बांग्लादेश के टॉप सैन्य अधिकारी ने कहा है कि सेना और सरकार के बीच मिला मतभेद नहीं है। उन्होंने सेना और सरकार को एक ही परिवार का हिस्सा भी बताया है।
मोहम्मद यूनुस को बीते साल ही शेख हसीना की सत्ता से बेदखली के बाद कमान मिली थी। उनकी लीडरशिप में बड़े पैमाने पर बदलाव हुए हैं और शेख मुजीबुर रहमान के दौर की बहुत सी चीजों को अब खत्म कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि उनके दौर में इस्लामिक चरमपंथी मजबूत हुए हैं। हिंदू समुदाय भी टारगेट पर रहा है।
अपनी पतली हालत का जिम्मेदार मोहम्मद यूनुस भारत को ठहराने लगे हैं। पिछले दिनों उन्होंने अपने इस्तीफे तक की बात कह दी थी और कहा था कि बांग्लादेश में जैसे हालात हैं, उसमें बेहतर होगा कि वह पद छोड़कर कहीं और जाकर बस जाएं। इस बीच रविवार को बांग्लादेश के मौजूदा संकट के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया।
Bangladesh news: सेना और राजनैतिक पार्टियों के चुनाव कराने को लेकर बढ़ते दबाव के बीच बांग्लादेशी अंतरिम सरकार अब धमकी देने पर आ गई है। प्रशासन की तरफ यूनुस की अध्यक्षता में हुई एक बैठख के बाद कहा गया कि अगर उनको काम करने से रोका गया तो जनता एक बार फिर से आंदोलन कर सकती है।
शेख हसीना ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि उनके पिता और बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान ने अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप देने से इनकार कर दिया था और इसके चलते उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी।