What is squad as Philippines calls for India to join alliance to counter China in Indo Pacific चीन की दादागिरी रोकनी है, भारत को मिला 'स्क्वाड' में शामिल होने का न्योता; ये देश हैं सदस्य, India Hindi News - Hindustan
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चीन की दादागिरी रोकनी है, भारत को मिला 'स्क्वाड' में शामिल होने का न्योता; ये देश हैं सदस्य

  • ‘स्क्वाड’ एक अनौपचारिक सैन्य गठबंधन है, जिसमें चार देश सैन्य सहयोग, खुफिया जानकारी साझा करने और संयुक्त अभ्यासों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 20 March 2025 07:57 AM
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चीन की दादागिरी रोकनी है, भारत को मिला 'स्क्वाड' में शामिल होने का न्योता; ये देश हैं सदस्य

फिलीपींस ने भारत से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए एक उभरते हुए रक्षा गठबंधन ‘स्क्वाड’ में शामिल होने की अपील की है। यह गठबंधन वर्तमान में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और फिलीपींस से मिलकर बना है। यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस के बीच तनाव चरम पर है।

फिलीपींस के सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल रोमियो एस. ब्राउनर ने नई दिल्ली में आयोजित रायसीना डायलॉग के दौरान यह बात कही। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, "हम जापान और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर ‘स्क्वाड’ का विस्तार करना चाहते हैं, जिसमें भारत और संभवतः दक्षिण कोरिया को शामिल किया जाए।" ब्राउनर ने भारत के साथ साझा हितों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों का एक "साझा दुश्मन" है। उनका इशारा चीन की ओर था।

‘स्क्वाड’ एक अनौपचारिक सैन्य गठबंधन है, जिसमें चार देश सैन्य सहयोग, खुफिया जानकारी साझा करने और संयुक्त अभ्यासों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। पिछले साल से इन देशों के रक्षा बलों ने दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र में संयुक्त समुद्री गतिविधियां शुरू की हैं। जनरल ब्राउनर ने कहा कि उनकी मुलाकात भारत के रक्षा स्टाफ प्रमुख जनरल अनिल चौहान से होगी, जिसमें वे भारत को ‘स्क्वाड’ में शामिल होने का औपचारिक प्रस्ताव रखेंगे।

चीन का दबदबा और सैन्य विस्तार

बुधवार को नई दिल्ली में रायसीना संवाद के दौरान जब 'क्वाड' (Quad) देशों - भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के शीर्ष सैन्य अधिकारी और फिलीपींस के सैन्य अधिकारी एक मंच पर इकट्ठा हुए, तो चीन की बढ़ती आक्रामकता चर्चा का मुख्य विषय रही। जनरल ब्रावनर ने बताया कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में तीन कृत्रिम द्वीप बनाकर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। उन्होंने कहा, "चीन ने मिषचीफ रीफ पर 2.7 किलोमीटर लंबा रनवे बनाया है, जहां एयर डिफेंस और मिसाइल सिस्टम तैनात हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि आने वाले समय में चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर कब्जा कर सकता है।"

चीन दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे क्षेत्र पर अपना दावा करता है, जिसके कारण फिलीपींस, वियतनाम, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों के साथ उसका विवाद चल रहा है। 2016 में एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता फैसले ने चीन के दावे को खारिज कर दिया था, लेकिन बीजिंग ने इसे मानने से इनकार कर दिया। इस क्षेत्र से हर साल 3 ट्रिलियन डॉलर का व्यापार गुजरता है, जिससे यह रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।

चीन का बढ़ता दबदबा और अंतरराष्ट्रीय नियमों की अनदेखी

चीन दक्षिण एवं पूर्वी चीन सागर और ताइवान जलडमरूमध्य में अपनी ताकत बढ़ाकर पड़ोसी देशों को दबाने की कोशिश कर रहा है। जापान के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ जनरल योशिहिदे योशिदा ने कहा कि जापान अपनी रक्षा क्षमताओं को दोगुना कर रहा है ताकि भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना किया जा सके।

ब्राउनर ने यह भी कहा कि भारत और फिलीपींस के बीच पहले से ही सैन्य और रक्षा उद्योग में साझेदारी मौजूद है। पिछले साल अप्रैल में भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की पहली खेप सौंपी थी, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "हमें खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान और सहयोग की जरूरत है ताकि हम क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रख सकें।"

भारत की समुद्री रणनीति और सतर्कता

अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख एडमिरल सैमुअल पापारो ने कहा कि सभी देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि क्षेत्रीय विवादों का समाधान बल प्रयोग से नहीं बल्कि कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार किया जाए।

चीन के पास 370 युद्धपोतों और पनडुब्बियों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है। इसके अलावा, चीन अब हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में सात से आठ नौसैनिक जहाजों को स्थायी रूप से तैनात कर रहा है। इनमें दोहरा उपयोग करने वाले अनुसंधान या जासूसी जहाज भी शामिल हैं, जो समुद्री मार्गों, पनडुब्बी अभियानों और समुद्र संबंधी जानकारियों को इकट्ठा करने में मदद करते हैं।

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भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा, "भारत की जिम्मेदारी है कि हिंद महासागर क्षेत्र को शांति और स्थिरता वाला बनाए रखा जाए। व्यापार और समुद्री मार्गों को बिना किसी बाधा के चालू रखना हमारी प्राथमिकता है।"

उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना हर गतिविधि पर नजर रख रही है और समुद्री क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है। एडमिरल त्रिपाठी ने यह भी कहा, "एक नौसेना जो तैनात नहीं होती, वह रोकथाम नहीं कर सकती। इसलिए, हम लगातार अपनी तैनाती बढ़ा रहे हैं और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डोमेन अवेयरनेस (MDA) बनाए रख रहे हैं।"

क्या भारत 'स्क्वाड' में शामिल होगा?

फिलीपींस के अनुरोध के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत 'स्क्वाड' में शामिल होकर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने की दिशा में कदम बढ़ाता है या नहीं। फिलहाल, भारत हिंद महासागर में अपनी रणनीतिक उपस्थिति मजबूत कर रहा है और चीन की गतिविधियों पर पैनी नजर रख रहा है।