पहलगाम आतंकी हमले का अमरनाथ यात्रा पर पड़ेगा असर? जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम ने दिया जवाब
डिप्टी सीएम चौधरी ने साक्षात्कार में कहा कि अमरनाथ यात्रा एक धार्मिक आयोजन है। जो लोग अमरनाथ यात्रा के लिए आना चाहते हैं, वे अपनी इच्छा से आएंगे।

जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमले से वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह यात्रा दक्षिण कश्मीर के पर्यटक रिसॉर्ट से होकर गुजरती है। पहलगाम वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए प्रमुख आधार शिविरों में से एक है और यह दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर तक जाने वाले पारंपरिक 43 किलोमीटर के मार्ग पर पड़ता है।
चौधरी ने 'पीटीआई वीडियोज' को दिए साक्षात्कार में कहा, "अमरनाथ यात्रा एक धार्मिक आयोजन है। जो लोग अमरनाथ यात्रा के लिए आना चाहते हैं, वे अपनी इच्छा से आएंगे। कुछ लोग केदारनाथ जाते हैं और कुछ बर्फ होने के कारण नहीं जाते... पहलगाम आतंकी हमले के कारण यात्रा प्रभावित नहीं होगी।"
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को एक प्रमुख पर्यटक स्थल पर आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे, और कई अन्य घायल हो गए। जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पहलगाम में आतंकवादी हमला एक बड़ी घटना थी, लेकिन यह जम्मू-कश्मीर की समृद्ध संस्कृति और परंपरा की नींव को हिला नहीं सकता।
चौधरी ने कहा, "कश्मीरी खुद ही यात्रा की सुविधा प्रदान करेंगे, जैसा कि वे वर्षों से करते आ रहे हैं। मैं समझता हूं कि निर्दोष (पर्यटकों) ने अपनी जान गंवाई है, लेकिन हम यह नहीं भूल सकते कि आदिल जैसे लोग भी हैं, जो एक घोड़ा मालिक हैं, जिन्होंने पर्यटकों को बचाते हुए अपनी जान गंवा दी। जम्मू-कश्मीर की संस्कृति समृद्ध है।"
उन्होंने कहा, "पहलगाम में आतंकवादी हमला, हालांकि यह बड़ा था, लेकिन यह जम्मू-कश्मीर में भाईचारे की नींव को हिला नहीं सकता।" इस साल वार्षिक अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगी।
पहलगाम हमले के बाद कश्मीर में पर्यटन पर पड़ने वाले असर के बारे में चौधरी ने कहा, "हम नहीं चाहते थे कि पहलगाम हमले के बाद पर्यटक वापस चले जाएं। हम चाहते थे कि पर्यटक अपनी यात्रा पूरी करें जिसकी उन्होंने योजना बनाई थी।" उन्होंने कहा, "हालांकि, हमने वापस लौटने के इच्छुक पर्यटकों को हर संभव सहायता प्रदान की है। साथ ही हमने लोगों से कहा है कि वे अपनी सरकारों से कहें कि वे उनके राज्यों में पढ़ाई या काम कर रहे जम्मू-कश्मीर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें, क्योंकि एक आम कश्मीरी की इन घटनाओं में कोई भूमिका नहीं है।" जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस्लामाबाद को आत्मचिंतन करना होगा कि जब भी कुछ गलत होता है तो हमेशा उस पर ही उंगलियां क्यों उठती हैं।
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान को यह समझना होगा कि हमेशा उस पर ही दोष क्यों मढ़ा जाता है। ऐसी घटनाओं में किसी अन्य देश का नाम क्यों नहीं लिया जाता? पाकिस्तान चाहे जितना इनकार कर ले, लेकिन यह सच है कि आतंकवाद की जड़ें वहीं हैं।"