इलाहाबाद HC का मोहम्मद जुबैर की FIR रद्द करने से इनकार, अंतरिम जमानत बरकरार; क्या है यति नरसिंहानंद से संबंध?
जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा- दिसंबर 2024 से चली आ रही अंतरिम जमानत को आरोप पत्र (चार्ज शीट) दाखिल करने तक जारी रखा जाएगा। इसके साथ ही उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के पत्रकार और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर द्वारा यति नरसिंहानंद पर किए गए ट्वीट के लिए यूपी पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने से मना कर दिया है। हालांकि इस मामले में कोर्ट की तरफ से राहत की खबर भी है। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा- दिसंबर 2024 से चली आ रही अंतरिम जमानत को आरोप पत्र (चार्ज शीट) दाखिल करने तक जारी रखा जाएगा। इसके साथ ही उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है।
यह आदेश मोहम्मद जुबैर द्वारा लगाई गई याचिका पर दिया गया है। जुबैर ने गाजियाबाद के दासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद द्वारा दिए गए भाषण की आलोचना की थी, जिसके खिलाफ उनके ऊपर एफआईआर दर्ज की गई थी। इसी एफआईआर को रद्द कराने के लिए उन्होंने याचिका दायर की थी।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक जुबैर पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 के तहत भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का आरोप है। क्योंकि, उन्होंने एक्स पर एक ट्वीट किया था, जिसमें कहा गया था कि यति नरसिंहानंद द्वारा दिया गया भाषण "अपमानजनक और घृणास्पद" है। आपको बताते चलें कि यति नरसिंहानंद के ऊपर पहले भी कई दफा घृणास्पद भाषण देने का आरोप है। 29 सितंबर को यति ने सार्वजनिक तौर पर दिए भाषण में कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी।
इस भाषण के सामने आने के बाद यति नरसिंहानंद के खिलाफ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में कई जगह एफआईआर दर्ज हुईं। इन एफआईआर में यति के भाषण को सांप्रदायिक नफरत भड़काने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया गया। उनके सहयोगियों ने दावा किया कि पुलिस ने उन्हें अपने साथ ले लिया। उनकी गिरफ्तारी के बाद गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में विरोध प्रदर्शन हुए।
इस बीच, जुबैर ने एक्स पर एक ट्वीट पोस्ट किया जिसमें भाषण को "अपमानजनक और घृणास्पद" बताया गया। इसके बाद यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव उदिता त्यागी की शिकायत पर जुबैर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। त्यागी ने आरोप लगाया कि 3 अक्टूबर को जुबैर ने नरसिंहानंद के खिलाफ हिंसा भड़काने के इरादे से उनका एक पुराना वीडियो क्लिप शेयर किया। शिकायत में डासना देवी मंडी में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए जुबैर, अरशद मदनी और असदुद्दीन ओवैसी को जिम्मेदार ठहराया गया है।